नहीं संभल रहा किसान आन्दोलन, दिल्ली पहुंचेंगे लाखों किसान, क्या करेगी सरकार ?  

केंद्र सरकार द्वारा पारित कृषि कानूनों के विरोध में किसान संगठन लगातार आन्दोलन कर रहे हैं. पिछले करीब एक माह से दिल्ली की सीमाओं पर किसानों ने अपना डेरा जमाया हुआ है.

केंद्र सरकार द्वारा पारित कृषि कानूनों के विरोध में किसान संगठन लगातार आन्दोलन कर रहे हैं. पिछले करीब एक माह से दिल्ली की सीमाओं पर किसानों ने अपना डेरा जमाया हुआ है. सरकार से कई चरणों की बात हो जाने के बाद भी अभी तक कृषि कानून पर बात नहीं बन पाई है. जहाँ एक तरफ सरकार संसोधन पर तैयार है तो वहीं दूसरी तरफ किसान कानून वापस लेने पर अड़े हुए हैं. इसी कड़ी सरकार के साथ 26 दिसंबर को भी अहम् बैठक होनी है. इसके लिए राजस्थान से करीब दो लाख किसान सिंघु बॉर्डर पर पहुंचेंगे.

सरकार से होगी बात

नए कृषि कानूनों पर सरकार के साथ बातचीत को लेकर किसान संगठनों की आज अहम मीटिंग हो सकती है. इससे पहले सरकार की चिट्‌ठी पर शुक्रवार को किसानों के बीच चर्चा हुई थी। मीटिंग में कुछ किसानों ने मामले का हल निकालने के लिए सरकार से बातचीत फिर से शुरू करने के संकेत दिए. किसान संगठनों के अनुसार, वे आज फिर से मीटिंग करेंगे, जिसमें केंद्र सरकार के बातचीत के न्यौते पर फैसला लिया जा सकता है,. आंदोलन के समर्थन में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के संयोजक और नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल के नेतृत्व में हजारों किसान और RLP के कार्यकर्ता राजस्थान से दिल्ली कूच करेंगे.

पहुंचेंगे हजारो किसान

बताते चलें कि दिल्ली के बुरारी में प्रदर्शन कर रहे किसानों का कहना है कि, हमें यहां प्रदर्शन करते हुए एक महीने हो गए हैं. सरकार को तीनों कानून वापस ले लेना चाहिए. जितनी जल्दी ऐसा हो जाएगा, हम अपने घर लौट जाएंगे. बता दें गुजरात से 30 हजार किसान दिल्ली पहुंचेंगे, हरियाणा और पंजाब समेत कई राज्यों से किसानों का दिल्ली पहुंचने का सिलसिला अनवरत जारी है. 26 को पंजाब के खनौरी से और 27 दिसंबर को हरियाणा के डबवाली से 15-15 हजार किसान दिल्ली के लिए रवाना होंगे. बता दें सरकार ने गुरुवार को एक और चिट्ठी लिखकर किसानों से बातचीत के लिए दिन और समय तय करने की अपील की थी. चिट्ठी में कहा गया था कि किसानों के मुद्दों को हल करने के लिए सरकार गंभीर है.

विदेश मंत्री ने लिखा पत्र

इतना ही नहीं भारतीय किसान यूनियन (लोक शक्ति) ने कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगाई थी. ज्ञात हो भाकियू (भानु) गुट पहले ही सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुका है. उधर अमेरिका के 7 सांसदों ने विदेश मंत्री माइक पोम्पियो को लेटर लिखा है. इनमें भारतीय मूल की प्रमिला जयपाल भी शामिल हैं. पत्र में पोम्पियो से अपील की गई है कि, वे किसान आंदोलन के मुद्दे पर भारत सरकार से बातचीत करें. चिट्ठी में लिखा है कि किसान आंदोलन की वजह से कई भारतीय-अमेरिकी प्रभावित हो रहे हैं.

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