क्या कभी आपने सोचा यदि बैंक का लाइसेंस होता है रद्द, तो कैसे मिलेंगे आपके पैसे ? पढ़ें पूरे नियम

वर्तमान परिवेश में बढ़ते डिजिटलाइजेशन के चलते ज्यादातर लें देन बैंक पर निर्भर हो गया है. ऐसे में हर व्याक्ति बैंकिंग सिस्टम से जुड़ रहा है.

वर्तमान परिवेश में बढ़ते डिजिटलाइजेशन के चलते ज्यादातर लें देन बैंक पर निर्भर हो गया है. ऐसे में हर व्याक्ति बैंकिंग सिस्टम से जुड़ रहा है. वह बैंकों में पूरी तरह भरोसा करके अपनी जीवन भर की कमाई उसमें जमा देता है. अब ऐसे में यदि बैंक बंद हो जाती है तो उसका पैसा कितना सुरक्षित है, इस बात की चिंता सताने लगाती है. ऐसे मामलों में RBI की तरफ से गाइड लाइन जारी की गई है. जिसके माध्यम से उसे अपना पैसा मिलने में आसानी होगी. तो आईये जानते हैं ऐसे मामलों में RBI की गाइड लाइन क्या कहती है ?

रद्द कर दिया बैंक लाइसेंस

ज्ञात हो कि अभी हाल ही में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने कोल्हापुर के सुभद्रा लोकल एरिया बैंक का लाइसेंस कैसिल कर दिया है. इस बैंक के ऑपरेशंस में कई गड़बड़ियां पाए जाने के बाद आरबीआई ने यह कदम उठाया. बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट, 1949 के सेक्शन 22, 4 के तहत इस बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया गया. अब सवाल उठता है कि बैंक में जमा लोगों के पैसों का क्या होगा ?

क्या कहता है RBI

इस सवाल पर RBI का कहना है कि, कराड बैंक के 99 फीसदी डिपॉजिटर्स को उनक पूरा पैसा वापस मिल जाएगा. इस बैंक के मैनेजमेंट की कार्यप्रणाली को देखते हुए कहा जा सकता है कि डिपॉजिटर्स के वर्तमान और भविष्य पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा. लाइसेंस कैंसिल करने के बाद आरबीआई अब हाई कोर्ट में एक एप्लीकेशन भी डालेगा. हालांकि, RBI ने यह भी कहा कि वर्तमान में सुभद्रा लोकल एरिया बैंक के पास सभी डिपॉजिटर्स को भुगतान करने के लिए पर्याप्त पूंजी है.

5 लाख ही है सुरक्षित

डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) की ओर से तय गए नियमों के अनुसार, ग्राहकों के 5 लाख रुपए की सुरक्षा की गारंटी मिलती है. यह नियम बैंक के सभी ब्रांच पर लागू होता है. इसमें मूलधन और ब्‍याज दोनों को शामिल किया जाता है. यानी कि यदि दोनों जोड़कर 5 लाख से ज्यादा है तो सिर्फ 5 लाख ही सुरक्षित माना जाएगा. बता दें RBI ने दिसंबर महीने की शुरुआत में महाराष्ट्र के संकटग्रस्त कराड बैंक का भी लाइसेंस कैंसिल कर दिया था.

DICGC तय करता है गाइडलाइंस

आपका एक ही बैंक की कई ब्रांच में खाता है तो सभी खातों में जमा अमाउंट जोड़ा जाएगा और सिर्फ 5 लाख तक जमा को ही सुरक्षित माना जाएगा. यही नहीं, यदि आपके किसी एक बैंक में एक से अधिक अकाउंट और FD आदि हैं तो भी बैंक के डिफॉल्टर होने या डूब जाने के बाद आपको 5 लाख रुपए ही मिलने की गारंटी है. यह पैसा आपको कैसे मिलेगा, इसकी गाइडलाइंस DICGC तय करता है.

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