शामली : राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने कृषि बिल को लेकर कही ये बात
शामली जनपद में भारतीय किसान यूनियन संगठन के जिम्मेदार पदाधिकारी की मौत की तेरहवीं में आये राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने कहा कि सरकार दो कदम आगे आए तो किसान भी दो कदम आकर किसान धरने का हल निकल सकता है।
शामली जनपद में भारतीय किसान यूनियन संगठन के जिम्मेदार पदाधिकारी की मौत की तेरहवीं में आये राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने कहा कि सरकार दो कदम आगे आए तो किसान भी दो कदम आकर किसान धरने का हल निकल सकता है। हरियाणा और यूपी में बीजेपी की सरकार है बिजली बिल में लेकिन काफी बड़ा फर्क है ओर अबकी बार 26 जनवरी की परेड में भी हम लोग जाएंगे।
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भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत अपने संगठन के पदाधिकारी की मौत होने के बाद तेरहवीं में पहुंचे ओर उन्होंने पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा प्रधानमंत्री को तीनों कृषि बिल से संबंधित तीनों कानूनों को वापस ले लेना चाहिए उन्होंने कहा कि यदि किसानों की समस्या का समाधान नहीं किया गया तो आगामी 26 जनवरी को किसान अपने ट्रैक्टर ट्रॉली समेत गणतंत्र दिवस की परेड में शामिल होंगे।
नरेश टिकैत ने कहा कि सरकार किसानों में फूट डालने का प्रयास कर रही है उन्होंने कहा कि सर्दी की वजह से बहुत से हामारे कई किसान शहीद हो चुके हैं सरकार से कई बार की बातचीत हो चुकी है । लेकिन समस्त किसान कृषि कानून को रद्द करने की मांग कर रहे हैं तो सरकार को उनकी बात मान लेनी चाहिए इसे अपनी प्रतिष्ठा से जोड़कर नहीं चलना चाहिए उन्होंने कहा कि हम प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी का सम्मान करते हैं और हम नहीं चाहते कि वह सर झुका कर बात करें जैसा उन्होंने कहा है लेकिन वह खुद भी सिर उठाकर बात करें और किसानों का सर भी ऊंचा करें उन्होंने कहा कि किसानों के बीच में कानून वापस लेने को लेकर के कोई मतभेद नहीं है इस मुद्दे पर सभी किसान एकजुट हैं सरकार को आरोप लगाने की बजाय मुद्दे पर बातचीत करनी चाहिए उन्होंने कहा कि मुद्दे को सुलझाने के लिए सरकार व किसान दोनों को दो कदम पीछे हटना चाहिए आंदोलन को लंबा खींचने से जहां देश को प्रतिदिन ₹35 करोड़ का नुकसान हो रहा है वही किसान के नुकसान का अंदाजा लगाना मुश्किल है नरेश टिकैत ने कहा कि कृषि कानून के विरोध में 40 से अधिक किसान संगठन विरोध कर रहे हैं और भाजपा के विधायक में मंत्री और अनगनल आरोप लगा रहे हैं तथा किसान संगठनों के बीच फूट डालने का काम कर रहे हैं उन्होंने कहा कि हमारा सरकार के साथ में किसी तरह का टकराने का इरादा नहीं है लेकिन किसानों की बहुत सारी समस्याएं हैं उन्होंने कहा एक ओर जहां हरियाणा में भी भाजपा सरकार है वहां गन्ने का ₹360 प्रति कुंतल मूल्य दिया जा रहा है तथा किसानों को सस्ते दामों पर मात्र ₹200 प्रति माह की दर से बिजली दी जा रही है जबकि उत्तर प्रदेश में गन्ने का मूल्य 220 से 225 प्रति कुंतल है तथा किसानों को बिजली का बिल 2022 ₹100 प्रति माह देना पड़ता है यह उत्तर प्रदेश के किसानों के साथ नाइंसाफी हो रही है।
Report- Vijay pandit
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