कुछ ऐसा रहा मुलायम सिंह का टीचर से लीडर बनने तक का सफर

समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव की जिंदगी काफी चर्चा में रही है उसी तरह उनका राजनीतिक सफर भी काफी चर्चित रह चुका है। तो चलिए जानते हैं उनके राजनीतिक सफर के बारे में कुछ खास बातें।

समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव की जिंदगी काफी चर्चा में रही है उसी तरह उनका राजनीतिक सफर भी काफी चर्चित रह चुका है। तो चलिए जानते हैं उनके राजनीतिक सफर के बारे में कुछ खास बातें।

मुलायम सिंह यादव का जन्म 22 नवंबर 1939 को इटावा जिले के सैफाई गांव में मूर्ती देवी व सुघर सिंह के घर पर हुआ था। मुलायम सिंह अपने पांच भाई-बहनों में एक से छोटे और तीन से बड़े हैं। बता दें कि मुलायम सिंह को धरती पुत्र कहकर भी बुलाया जाता है।

कैसा रहा राजनीतिक सफर

मुलायम सिंह यादव समाजवादी पार्टी के संस्थापक व कर्ता-धरता हैं। उन्होंने 4 अक्टूबर 1992 को समाजवादी पार्टी का गठन किया था। अपने राजनीतिक सफर में वह तीन बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री भी रहे हैं। राजनीति में परिवारवाद की शुरुआत तो कांग्रेस से हो ही चुकी थी, वहीं मुलायम सिंह ने इसे खूब बढ़ावा दिया। बहुत कम लोग यह बात जानते होंगे की मुलायम सिंह यादव राजनीति में आने से पहले शिक्षक भी रह चुके हैं।

उत्तर प्रदेश की जनता व उनके समर्थक उन्हें प्यार से नेता जी बुलाते हैं। मुलायम सिंह के बाद समाजवादी पार्टी के सबसे लोकप्रिय नेता अखिलेश यादव बने जो उत्तर प्रदेश की गद्दी पर विराजमान हो चुके हैं। कहा जाता है कि मास्टर मुलायम सिंह जब चुनाव में खड़े हुए थे तो इलाके के  अध्यापकों और छात्रों के माता-पिताओं को 5-5 रुपए में सदस्य बनाकर चुनाव जीत लिया था।

राजनीतिक दर्शन तथा विदेश यात्रा

मुलायम सिंह यादव की राष्ट्रवाद, लोकतंत्र, समाजवाद और धर्मनिरपेक्षता के सिद्धान्तों में अटूट आस्था रही है। भारतीय भाषाओं, भारतीय संस्कृति और शोषित पीड़ित वर्गों के हितों के लिए उनका अनवरत संघर्ष जारी रहा है। उन्होंने ब्रिटेन, रूस, फ्रांस, जर्मनी, स्विटजरलैण्ड, पोलैंड और नेपाल आदि देशों की भी यात्राएँ की हैं। ऐसा माना जाता है कि मुलायम सिंह उत्तर प्रदेश की किसी भी जनसभा में करीब 50 लोगों को उनके नाम लेकर मंच पर बुला सकते हैं।

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