लखनऊ : 1 मई के दिन समाजवादी आंदोलन के प्रखर चिंतक मधु लिमये के 98वें जन्मदिवस पर हम उनका श्रद्धापूर्वक स्मरण करते हैं-सपा प्रमुख अखिलेश यादव

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि 1 मई के दिन समाजवादी आंदोलन के प्रखर चिंतक श्री मधु लिमये जी का जन्म हुआ था। उनके 98वें जन्मदिवस पर हम उनका श्रद्धापूर्वक स्मरण करते हैं। मधु जी मानते थे कि साम्प्रदायिकता, असहिष्णुता और जातीयता का लोकतंत्र में कोई स्थान नहीं है। गोवा मुक्ति आंदोलन में उनका योगदान कभी भुलाया नहीं जा सकता। संसदीय विधि के वे महान ज्ञाता थे।
दुनिया भर में 1 मई को लेबर डे यानी मजदूर दिवस पर मजदूरों के अनिश्चित काम के घंटों को 8 घंटे में तब्दील किया गया था। इस दिन देश की कई कंपनियों में छुट्टी होती है। भारत ही नहीं दुनिया भर के करीब 80 देशों में इस दिन नैशनल हॉलि-डे होता है।

अंतरराष्ट्रीय तौर पर मजदूर दिवस मनाने की शुरुआत 1 मई 1886 को हुई थी। अमेरिका के मजदूर संघों ने मिलकर तय किया कि वे  8 घंटे से ज्यादा काम नहीं करेंगे। इसके लिए संगठनों ने हड़ताल की। हड़ताल के दौरान शिकागो की हेमार्केट में बम ब्लास्ट हुआ जिससे निपटने के लिए पुलिस ने मजदूरों पर गोली चलाई।

इस घटना में कई मजदूरों की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए। इसके बाद 1889 में अंतरराष्ट्रीय समाजवादी सम्मेलन में ऐलान किया गया कि हेमार्केट नरसंहार में मारे गए निर्दोष लोगों की याद में 1 मई को अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस के रूप में मनाया जाएगा। भारत में मजदूर दिवस की शुरुआत लेबर किसान पार्टी ऑफ हिंदुस्तान ने 1 मई 1923 को चेन्नेइ में की थी।

उस समय इसे मद्रास दिवस के रूप में मनाया जाता था। संयुक्त राष्ट्र के अंतर्गत आने वाली अंतरराष्ट्रीय मजदूर संस्था दुनियाभर में लेबर क्लास के लोगों का जीवन स्तर सुधारने की दिशा में काम करती है। 1 मई के दिन यह संस्था दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में रैली और मार्च निकालती है ताकि मजदूर उत्पीड़न न्यूनतम मजदूरी कानून और प्रवासी मजदूरों को लेकर जागरुकता फैलाई जा सके।

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