जानें स्वतंत्रदेव सिंह का असली नाम व उनके बारे में कुछ रोचक बातें

भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह वैसे तो किसी तार्रुफ के मोहताज नहीं हैं लेकिन कुछ ऐसे किस्से है। उनके बारे में जिसे हर कोई नहीं जानता

भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह वैसे तो किसी तार्रुफ के मोहताज नहीं हैं लेकिन कुछ ऐसे किस्से हैं उनके बारे में जिसे हर कोई नहीं जानता। जैसे की उनका असली नाम स्वतंत्र देव सिंह नहीं है बल्कि कुछ और है, तो चलिए हम आपको बताते हैं उनसे जुड़ी कुछ खास बातें।

मिर्जापुर के हैं स्वतंत्र देव सिंह:-

स्वतंत्र देव सिंह वैसे तो मिर्जापुर के रहने वाले हैं लेकिन सालों पहले बड़े भाई के की सरपरस्ती में पढ़ाई करने कालपी क्या पहुंचे कि वह ‘मिर्जापुरी’ से  ‘जालौनी’ कहलाने लगे। स्नातक की परीक्षा देने के बाद ही वह राजनीति में हाथ आजमाने निकल पड़े। वहीं उनके नाम से जुड़ा एक किस्सा भी काफी मशहूर है जिसके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। दरअसल,

साल 2012 के विधानसभा चुनाव में स्वतंत्र देव कालपी से भाजपा प्रत्याशी के रूप में चुनावी मैदान में  किस्मत आजमाने उतरे वहीं उन्हें मात देने के लिए कांग्रेस की उमाकांति बैठी हुईं थीं जिनसे इन्हें करारी हार का सामना करना पड़ा। उसके बाद 2017 में जब भाजपा की सरकार बनी तो उनकी सेवाओं को देखते हुए उन्हें बिना चुनाव  लड़े ही परिवहन मंत्री का पद दे दिया गया।

जिसके बाद वह विधान परिषद के सदस्य बनाए गए। लोकसभा चुनाव में उन्हें मध्य प्रदेश का प्रभारी बनाया गया। कांग्रेस के गढ़ मध्यप्रदेश में लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा की जीत ने स्वतंत्र देव का सियासी कद और भी ऊंचा कर दिया। सत्ता और संगठन के पर्याप्त अनुभव को देखते हुए उन्हें उत्तर प्रदेश भाजपा की बागडोर सौंपी गई है।

क्या है उनका असली नाम

अब बात करते हैं उनके असली नाम की तो उनका असली नाम कांग्रेस सिंह था जिसे बहुत ही कम लोग जानते हैं जब वह भाजपा में सफलता की सीढ़ियां चढ़ रहे थे तभी एक कार्यक्रम के दौरान मध्य प्रदेश की तत्कालीन मुख्यमंत्री उमाकांति की मौजूदगी में उन्हें भाषण देने के लिए बुलाया गया जहां उनका असली नाम कांग्रेस सिंह सुनकर उमाकांति चौंक गई थी लेकिन उन्होंने अपने प्रभावशाली संबोधन से सभी को प्रभावित कर लिया था। उन्हें एक नया नाम स्वतंत्र देव दिया गया। तब से कांग्रेस सिंह भाजपा के स्वतंत्र देव सिंह हो गए।

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