जानिए खरमास के महीने में क्या करने से मिलते हैं विशेष फल….
खरमास लगते ही सभी प्रकार के मांगलिक कार्यों में रोक लग जाएगी। खरमास 14 जनवरी 2021 को समाप्त होगा।
खरमास लगते ही सभी प्रकार के मांगलिक कार्यों में रोक लग जाएगी। खरमास 14 जनवरी 2021 को समाप्त होगा। धार्मिक और ज्योतिष मान्यता के अनुसार, जब सूर्य देव धनु राशि में प्रवेश करते हैं इस काल को खरमास कहते है। इसे खरमास या मलमास कहा जाता है। इसमें सूर्य और गुरु आपस मिलते हैं। हम आपको बता रहे हैं इस मास में क्या करना चाहिए….
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ये काम जरूर करें
खरमास में सूर्योदय से पहले उठना चाहिए. स्नान आदि करके भगवान का स्मरण करना चाहिए.
खरमास में ब्राह्मण, गुरु, गाय एवं साधु-सन्यांसियों की सेवा करनी चाहिए।
खरमास में सूर्यदेव की उपासना करनी चाहिए।
खरमास में भगवान विष्णु की पूजा विशेष लाभदायक मानी गई है.
भगवान श्रीकृष्ण की उपासना और सूर्य देव की पूजा करने से विशेष लाभ प्राप्त होता है.
खरमास के दौरान पवित्र नदी में नित्य स्नान करने से कई प्रकार के रोगों से मुक्ति मिलती है.
खरमास में धार्मिक यात्रा करने को श्रेष्ठ माना गया है.
ऐसी है पौराणिक कथा
पौराणिक कथा के अनुसार सूर्यदेव 7 घोड़ों के रथ पर सवार होकर लगातार ब्रह्मांड की परिक्रमा करते रहते हैं। कहते हैं एक बार उनके घोड़े लगातार चलने और विश्राम न मिलने के कारण भूख-प्यास से बहुत थक गए थे। भगवान सूर्यदेव उन्हें एक तालाब के किनारे ले गए, लेकिन तभी उन्हें यह आभास हुआ कि अगर रथ रूका तो यह सृष्टि भी रुक जाएगी। उधर तालाब के किनारे दो गधे भी मौजूद थे। ऐसे में सूर्य देव को एक उपाय सूझा। उन्होंने घोड़ों को आराम देने के लिए रथ में गधों को जोत लिया। इस स्थिति में सूर्य देव के रथ की गति धीमी हो गई, लेकिन रथ रुका नहीं, इसलिए इस समय सूर्य का तेज कम हो जाता है।
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