भगवान शिव के परम भक्त रावण ने मंदोदरी को बताए थे महिलाओं के ये 8 अवगुण, जिन्हें भूलकर भी…

भगवान शिव शंकर के परम भक्त रावण लंका का राजा था। रावण में अनेक गुण भी थे।

भगवान शिव शंकर के परम भक्त रावण लंका का राजा था। रावण में अनेक गुण भी थे। रावण का असली नाम दशगीवृ था। इसके अलावा रावण के दस सिर थे, जिस कारण रावण को दशानन (दश = दस + आनन = मुख) के नाम से भी जाना जाता है।इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि रावण (Ravan) में तमाम बुराईयां थीं, लेकिन पूरा संसार जानता है कि रावण प्रकांड पंडित था और वह परम ज्ञानी भी था।

रावण ने मंदोदरी को बताए थे महिलाओं के ये 8 अवगुण

श्रीरामचरित मानस के अनुसार, माता सीता के अपहरण के बाद जब भगवान श्रीराम वानर सेना सहित समुद्र पार करके लंका पहुंच गए थे, तब मंदोदरी डर गई। डर से मंदोदरी महाप्रतापी रावण (Ravan) को समझाने लगी कि युद्ध न करें और श्रीराम से क्षमा मांगते हुए सीता जी को उन्हें लौटा दें। इस बात पर रावण ने मंदोदरी का मजाक बनाते हुए एक दोहा कहा, जिसमें रावण ने स्त्रियों के अवगुणों के बारे में बताया।

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दोहा-

‘नारि सुभाऊ सत्य सब कहहीं। अवगुन आठ सदा उर रहहीं।

साहस अनृत चपलता माया। भय अबिबेक असौच अदाया।’

रावण (Ravan) ने इस दोहे में मंदोदरी को स्त्रियों के 8 अवगुणों के बारे में बताया।

Ravan
रावण

स्त्रियों में होता है बहुत ज्यादा साहस

रावण (Ravan) के अनुसार, स्त्रियों में बहुत अधिक साहस होता हैं। इसी कारण स्त्रियां कई बार ऐसे काम कर देती हैं, जिससे बाद में उनके और उनके परिवार को पछताना पड़ता है।

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बात-बात पर झूठ बोलती हैं स्त्रियां

स्त्रियां बात-बात पर झूठ बोलती हैं। अपनी इस आदत की वजह से अक्सर उन्हें परेशानियों का भी सामना करना पड़ता हैं।

पुरुषों की तुलना में स्त्रियों में अधिक चंचलता

पुरुषों की तुलना में स्त्रियों का मन अधिक चंचल होता हैं। इसी वजह से वे किसी एक बात पर लंबे समय तक टिक नहीं सकती हैं। पल-पल में स्त्रियों के विचार बदलते हैं और इसी वजह से वे अधिकांश परिस्थितियों में सही निर्णय नहीं ले पाती हैं, जिससे उन्हें बाद में पछताना पड़ता है।

अपने स्वार्थ के लिए रचती हैं माया

रावण (Ravan) ने दोहे में कहा कि स्त्रियां अपने स्वार्थों के लिए कई प्रकार की माया रचती हैं। स्त्रियां व्यक्ति से अपना काम करवाने के लिए तरह-तरह के प्रलोभन देती हैं, जिसमें रूठती हैं, मनाती हैं, जो कि सब माया के अंतर्गत आती है। यदि कोई व्यक्ति इस माया में फंस जाता हैं तो वह स्त्री के वश में हो जाता हैं।

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डर से बिगाड़ देती हैं कई काम

स्त्री बाहरी तौर पर साहस दिखाती हैं, लेकिन उनके मन में डर होता हैं। कभी-कभी स्त्रियां अनावश्यक रूप से बहुत ज्यादा डर जाती हैं और इस वजह से उनसे कई काम बिगड़ जाते हैं।

अविवेकी स्वभाव यानी मूर्खता

दोहे में रावण (Ravan) ने बताया कि अधिक साहस होने की वजह से और खुद को श्रेष्ठ साबित करने के लिए स्त्रियां कई बार ऐसे काम कर देती हैं, जो कि भविष्य में मूर्खतापूर्ण सिद्ध होते हैं।

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स्त्रियों में निर्दयता

दोहे में रावण (Ravan) के अनुसार, सातवीं बात यह है कि अगर स्त्रियां निर्दयी हो जाएं तो वो पुरुष को भी पीछे छोड़ सकती हैं।

महिलाओं में अपवित्रता

रावण के मुताबिक, महिलाओं में पाया जाने वाला एक अवगुण यह भी है कि कुछ स्त्रियों में अपवित्रता यानी साफ-सफाई का अभाव होता है।

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