उत्तर प्रदेश में बनने जा रहे दो प्लास्टिक पार्क, इन दो राज्यों में किया जाएगा स्थापित
उत्तर प्रदेश में दो प्लास्टिक पार्क बनने जा रहे हैं। एक गोरखपुर जबकि दूसरा औरेया के दिबियापुर में स्थापित किया जाएगा।
उत्तर प्रदेश में दो प्लास्टिक पार्क बनने जा रहे हैं।CM योगी की पहल से एक गोरखपुर जबकि दूसरा औरेया के दिबियापुर में स्थापित किया जाएगा। आपको बता दें, गोरखपुर से पहले इस पार्क को कानपुर में बनाने की योजना थी, लेकिन औरेया और कानपुर में दूरी कम होने तथा प्रदेश के अन्य हिस्सों में भी औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के क्रम में कानपुर की जगह इस पार्क को गोरखपुर शिफ्ट कर दिया गया है।
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मुहर के बाद अब इन दोनों शहरों में प्लास्टिक पार्क स्थापित करने का प्रस्ताव भारत सरकार को भेजने की प्रक्रिया तेज हो गई है। रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय के रसायन पेट्रो-रसायन विभाग ने प्लास्टिक पार्क स्थापित करने के लिए राज्यों से 15 दिसंबर तक प्रस्ताव मांगा है। यह एक ऐसा विशेष क्षेत्र होगा जहां प्लास्टिक उद्योग लगाने वाली इकाइयां स्थापित की जाएंगी।
इसमें पालिमर का निर्माण करने वाली इकाइयों के साथ-साथ ऐसी फैक्ट्रियां भी लगाई जाएंगी जो उपयोगी उत्पादों के लिए पालिमर तैयार करेंगी। 50 एकड़ क्षेत्र में विकसित होने वाले इस पार्क में प्लास्टिक की ही यूनिटें लगाई जाएंगी, जिसमें हजारों लोगों के लिए रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे।
CM योगी की ये दो पहल भी पढ़िए…
-गोरक्षपीठाधीश्वर एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर गोरखपुर के गोरखनाथ मंदिर में चढ़ाए गए श्रद्धा के फूल अब रोजगार का जरिया बनेंगे। बता दें कि मंदिर में चढ़ाए गए फूलों से अगरबत्ती बनाई जा रही है। इसके लिए घरेलू महिलाओं को प्रशिक्षण देकर कुटीर उद्योग के लिए उन्हें आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है। सीआईएसआर-सीमैप (केंद्रीय औषधीय एवं सगंध पौधा संस्थान) लखनऊ के तकनीकी सहयोग से महायोगी गोरखनाथ कृषि विज्ञान केंद्र चौक जंगल कौड़िया द्वारा निर्मित अगरबत्ती की ब्रांडिंग “श्री गोरखनाथ आशीर्वाद” नाम से की गई है। इसके उत्पादन से लेकर विपणन तक की व्यवस्था गोरखनाथ मंदिर प्रशासन के हाथों है।
– मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर निवेशकों की समस्याओं का समाधान कराने की मुहिम तेज हो गई है। एनओसी व अन्य सेवाओं के लिए आललाइन आवेदन करने वाले उद्यमियों से सीधे संपर्क कर उन्हें फीडबैक दिया जा रहा है। हाल में ही में फायर सर्विस मुख्यालय ने 17 जिलों के मुख्य अग्निशमन अधिकारियों (सीएफओ) को लंबित मामलों का ब्यौरा भेजा है।
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