सीमा विवाद पर अपनी नाकामी छिपाने को चीन ने फिर भारत पर मढ़ा दोष, मिला ये जवाब
पिछले कई महीनों से भारत और चीन के बीच चल रहा सीमा विवाद गहराता ही जा रहा है।
पिछले कई महीनों से भारत और चीन के बीच चल रहा सीमा विवाद गहराता ही जा रहा है। कई बार सैन्य वार्ता हो जाने के बावजूद मामला शांत होते नहीं दिख रहा है। दोनों देशों की सेनाएं प्रत्येक समय अलर्ट मोड पर सीमा कर पहरा दे रही हैं। इन सभी के बीच एक बार फिर चीनी विदेश मंत्रालय की तरफ से सीमा विवाद को लेकर भारत पर दोषारोपण करने की कोशिश की गई है।
भारत पर दोष मढ़ने की जरूरत
चीनी विदेश मंत्रालय के मुताबिक, बीजिंग और नई दिल्ली के बीच रिश्तों को बेहतर बनाये रखने के लिए दोनों देशों को प्रयास करने की जरूरत है। मंत्रालय के अनुसार, अच्छे संबंधों से दोनों देशों का लाभ होगा, किन्तु वर्तमान सीमा विवाद का दोष एक बार फिर उसने भारत पर मढ़ दिया। बता दें कि भारतीय वुडेश मंत्री एस. जयशंकर के एक बयान पर टिप्पणी करते हुए चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ‘हुआ चुनयिंग’ ने यह बात कही।
भारतीय विदेश मंत्री ने कहा था
गौरतलब है कि विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने एक बयान में कहा था कि, चीन, भारत को वास्तविक नियंत्रण रेखा पर बड़ी तादात में सैन्यबल की तैनाती के लिए पांच वजहें बता चुका है। जिससे द्विपक्षीय समझौते को खासा नुकसान पहुंचा है। उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई थिंक टैंक लावी इंस्टिट्यूट द्वारा आयोजित ऑनलाइन संवाद सम्मेलन पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच पिछले कई महीनों से जारी सैन्य गतिरोध में यह बात कही थी।
साझा प्रयासों की जरूरत
जिस पर टिप्पणी करते हुए चीनी विदेश मंत्री हुआ चुनयिंग ने चीनी विदेश मंत्रालय की नियमित प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि, चीन और भारत पड़ोसी हैं। इसके साथ ही दुनिया के दो सबसे बड़े उभरते बाजार भी हैं। ऐसे में बेहतर रिश्तों को बनाये रखने से दोनों देशों और उनके लोगों के बुनियादी हितों की पूर्ति होती है। इस मामले में दोनों पक्षों की तरफ से साझा प्रयासों की जरूरत है।
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