विदेश मंत्री ने चीन को चेताया, बोले- समझौतों का उल्लंघन कर रिश्तों को खराब कर रहा ड्रैगन, अब…
भारत और चीन के बीच सीमा विवाद को लेकर पिछले कई महीनों से तनातनी चल रही है. मई-जून महीने में गलवान घाटी में हुई झड़प में 20 भारतीय सैनिकों के शहीद होने के बाद भारत ने चीन के खिलाफ कड़ा रुख अख्तियार करते हुए कई सामानों के आयात और निर्यात पर रोक लगा दी थी.
भारत और चीन के बीच सीमा विवाद को लेकर पिछले कई महीनों से तनातनी चल रही है. मई-जून महीने में गलवान घाटी में हुई झड़प में 20 भारतीय सैनिकों के शहीद होने के बाद भारत ने चीन के खिलाफ कड़ा रुख अख्तियार करते हुए कई सामानों के आयात और निर्यात पर रोक लगा दी थी. इसके अलावा देश की सुरक्षा के मद्देनजर कई चाइनीज ऐप को बंद कर दिया है. जिसको लेकर चीन बुरी तरह से बौखलाया हुआ है. दोनों देशों के बीच कई दौर की बैठकों के बाद भी गतिरोध बना हुआ है. वहीं अब विदेश मंत्री एस. जयशंकर प्रसाद(Jaishankar Prasad) ने कहा है कि, एलएसी पर चीन ने अपने सैनिकों की तैनाती को लेकर पांच तरह की सफाई पेश की है.
विदेश मंत्री एस. जयशंकर प्रसाद(Jaishankar Prasad) ने ऑस्ट्रेलियन थिंक टैंक लॉय इंस्टीट्यूट के साथ ऑनलाइन बैठक में हिस्सा लेने के दौरान कहा कि, बीजिंग की तरफ से एलएसी पर शांति और स्थिरता बनाए रखने के समझौते के का उल्लंघन करने से दोनों देशों के बीच रिश्तों में कड़वाहट आ गई है और ये सबसे मुश्किल दौर से गुजर रहा है. दोनों देशों के बीच अलग-अलग स्तरों पर संपर्क के बाद भी विवाद नहीं सुलझ रहा है. क्योंकि चीन समझौतों का पालन नहीं कर रहा है. विदेश मंत्री ने कहा कि, इस समय रिश्ते बेहद खराब दौर से गुजर रहे हैं.
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विदेश मंत्री ने आगे कहा कि, पिछले 30 सालों से चीन भारत का ट्रेड पार्टनर बनना और पर्यटन शामिल है. ये रिश्ता इसलिए बना हुआ था कि, दोनों देश सीमा विवाद को सुलझाते हुए बॉर्डर पर शांति बनाए रखने को सहमत थे.
बता दें कि, साल 1993 में हुए कई समझातों का उल्लंघन करते हुए चीन ने एलएसी पर सैनिकों की तैनाती कर दी है और अब पांच अलग-अलग सफाई पेश की है. चीन ने इसका उल्लंघन किया है. विदेश मंत्री ने कहा कि, 1975 के बाद पहली बार एलएसी पर जवान शहीद हुए हैं.
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