गणेश भगवान ने चांद को दिया था ये भयानक श्राप, वजह जानकर उड़ जाएंगे होश
गणपति बप्पा मोरया, अगले बरस तुम फिर आना ये उद्घोष हम गणेश चतुर्थी पर खूब सुनते हैं. गणेश चतुर्थी महाराष्ट्र का सबसे लोकप्रिय त्योहारों में एक माना जाता है.
गणपति बप्पा मोरया, अगले बरस तुम फिर आना ये उद्घोष हम गणेश चतुर्थी पर खूब सुनते हैं. गणेश चतुर्थी महाराष्ट्र का सबसे लोकप्रिय त्योहारों में एक माना जाता है. गणेश भगवान भक्तों के सभी दुखों को हर लेते हैं इसलिए उन्हें विघ्न विनाशक के नाम से भी जानते हैं और उनकी पूजा करते हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि, गणेश चतुर्थी से जुड़ी एक ऐसी मान्यता है जिसके बारे में जानकर आप दंग रह जाएंगे.
दरअसल, गणेश पुराण में बताया गया है कि, गणेश चतुर्थी के दिन चांद(moon) नहीं देखा जाता है इस दिन चांद देखना अभिशाप माना जाता है. तो आइये जानते हैं कि, आखिर इसके पीछे की सच्चाई क्या है?
दरअसल, गणेश पुराण में लिखा है कि, एक बार भगवान श्रीकृष्ण ने शुक्ल पक्ष की चतुर्थी के दिन चंद्रमा(moon) को देख लिया था जिसके बाद उनपर हत्या का झूठा आरोप लग गया था. नारद मुनि ने श्रीकृष्ण को बताया कि, ऐसा उनके साथ इसलिए हुआ है क्योंकि उन्होंने चतुर्थी के दिन चंद्रमा देख लिया था.
इसके साथ ही गणेश पुराण में जिक्र किया गया है कि, गणपति बप्पा के सूंड़ वाले चेहरे को देखकर चंद्रमा(moon) ने उनका मजाक उड़ाया जिससे नाराज होकर गणेश भगवान ने उन्हें श्राप दे दिया. गणेश जी ने श्राप दिया कि, जिस सुंदरता पर तुम इतना घमंड करते हो उसे आज के दिन जो भी देखेगा उसपर कलंक लगेगा.
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कहते हैं तभी से चंद्रमा(moon) को अपनी गलती का एहसास हुआ और वो अपने घर में छिपकर बैठ गए. जिसके बाद कई देवताओं ने उन्हें मनाया और बताया कि, वो मोदक और पकवान बनाकर गणेश भगवान की पूजा अर्चना करें. जिसके बाद चंद्रमा ने विधि-विधान से गणेश जी की पूजा की. गणेश जी ने प्रसन्न होकर कहा कि, जो श्राप उन्होंने दिया है उसका असर खत्म नहीं होगा जिससे आने वाले समय में लोग किसी के चेहरे की बनावट देखकर उसका मजाक न बनाएं.
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