किसान आंदोलन से घबराई बीजेपी क्या अखिलेश यादव को करेगी नजरबंद? छावनी में तब्दील हुआ आवास क्षेत्र 

केंद्र सरकार द्वारा पारित तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसान व्यापक रूप में आंदोलन कर रहे हैं। दिल्ली बॉर्डर पर एकत्र किसान अपनी मांगों पर अड़े हैं।

केंद्र सरकार द्वारा पारित तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसान व्यापक रूप में आंदोलन कर रहे हैं। दिल्ली बॉर्डर पर एकत्र किसान अपनी मांगों पर अड़े हैं। उधर सरकार ने किसान संगठनों के साथ कई स्तर की बातचीत की लेकिन वार्ता का कोई हल निकलता नहीं दिख रहा है। जिसके बाद किसानों ने 8 दिसंबर को भारत बंद का आह्वान किया था। जिनको विभिन्न राजनैतिक पार्टियों का समर्थन प्राप्त हुआ। और राजनीतिक दलों ने भी भारत बंद में शामिल होने की बात कही।

छावनी में तब्दील अखिलेश आवास का क्षेत्र का

इसी कड़ी में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी कन्नौज पहुंचकर किसानों के समर्थन में उतरने वाले थे। यहां वह सपा द्वारा प्रदेश की सबसे बड़ी मंडी ठठिया से तिर्वा तक निकाली जाने वाली किसान यात्रा में शामिल होने वाले थे। इससे पहले कि वह समय आ पाता, पुलिस प्रशासन ने उनके आवास क्षेत्र को पूरी तरह सील कर दिया। उनके आवास विक्रमादित्य मार्ग को पूरी तरह छावनी में बदल दिया गया है।

डीएम ने नहीं दी अनुमति

बता दें कि कन्नौज के जिलाधिकारी राकेश कुमार मिश्र ने सपा द्वारा ठठिया क्षेत्र में किए जाने वाले किसान प्रदर्शन को अनुमति देने से साफ इंकार कर दिया। इसके पीछे उनका तर्क है कि, अभी कोरोना वायरस का खतरा कम नहीं हुआ है। ऐसे में भीड़ जुटाने की अनुमति नहीं दी जा सकती। डीएम द्वारा आंदोलन की अनुमति न मिलने के बाद अखिलेश यादव के घर के आस-पास प्रशासन ने अपना पहरा कड़ा कर दिया है। ताकि वह आंदोलन में न पहुंच सके।

क्या अखिलेश होंगे नजरबंद?

अब ऐसे में सवाल यह खड़ा होता है कि क्या भाजपा किसानों के समर्थन में राजनीतिक दलों द्वारा किए जा रहे आंदोलन से घबरा रही है ? क्या कोरोना की आड़ में आंदोलन को कमजोर करने की कोशिश है ? चुनावों में लाखों की संख्या में भीड़ एकत्र हो रही है, तब कोरोना का खतरा सामने नहीं दिखाई देता है ? जिस प्रकार अखिलेश यादव के घर के आस पास के क्षेत्र को छावनी में तब्दील कर दिया है, उसके देखते हुए सवाल यह भी बनता है कि क्या प्रशासन अखिलेश यादव को उनके ही घर में नजरबंद रखने की तैयारी में हैं ?

कितना डालेगा असर

हालांकि सवाल तो बहुत है लेकिन इनके उत्तर अभी भविष्य के गर्त में छिपे हुए हैं, जो समय के साथ-साथ सभी के सामने होंगे। किसानों का यह आंदोलन सरकार पर कितना असर डालता है यह तो देखने वाली बात होगी ??

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