चर्चा के बाद बोले किसान, सरकार बताए अपना निर्णय, अब नहीं होगी बात, जारी रहेगा आन्दोलन 

हाल ही में केंद्र की मोदी सरकार द्वारा तीन किसान विधेयक पास किए जाने के विरोध में किसानों द्वारा काफी समय से राज्यों में प्रदर्शन जारी है.

हाल ही में केंद्र की मोदी सरकार द्वारा तीन किसान विधेयक पास किए जाने के विरोध में किसानों द्वारा काफी समय से राज्यों में प्रदर्शन जारी है. लेकिन सरकार द्वारा इसका संज्ञान न लेने पर किसान एक हफ्ते पहले दिल्ली कि तरफ कूच कर गए. सुरक्षाबलों के माध्यम से उन्हें रोकने का प्रयास किया गया. किन्तु आक्रामक किसान दिल्ली सीमा तक पहुंच गए. जिसके बाद सरकार किसानों के साथ लगातार बैठकें कर उनकी मांगों पर चर्चा कर रही है, लेकिन अभी तक चर्चा बेनतीजा रही है.

किसानों ने रखी बात

इसी क्रम में 05 दिसंबर को सरकार और किसान संगठनों के बीच एक बार फिर विज्ञान भवन में वार्ता आयोजित हुई. जिसमें सरकार की तरफ से केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और पियूष गोयल ने हिस्सा लिया. किसानो की तरफ से बात रखने के लिए विभिन्न किसान संगंठनों के नेताओं ने हिस्सा लिया. पूरे दिन की चर्चा के बाद किसानों ने सरकार से अपना निर्णय सुनाने की मांग रखी.

दिया लिखित जवाब

बता दें कि पांचवें दौर की इस वार्ता के दौरान, सरकार ने किसान नेताओं को पिछली बैठक के मुद्दों का लिखित जवाब दिया. इस दौरान किसान प्रतिनिधियों ने केंद्र सरकार से पिछली बैठक का एक-एक करके बिंदुवार लिखित उत्तर देने को कहा, जिसके लिए सरकार ने सहमति व्यक्त की है. किसानों की तरफ से कहा गया कि, उन्हें समाधान/प्रतिबद्धता की जरूरत है. उन्होंने कहा कि वे आगे चर्चा नहीं करना चाहते बल्कि यह जानना चाहते हैं कि सरकार ने किसानों की मांग पर क्या निर्णय लिया है.

किसान नेताओं ने कहा

सरकार से जारी वार्ता में विज्ञान भवन पहुंचने के दौरान, दोआबा किसान संघर्ष समिति के हरसुलिंदर सिंह ने कहा कि, ‘हम चाहते हैं कि कानूनों को वापस लिया जाए. हम कानूनों में संशोधन के लिए सरकार के प्रस्ताव को स्वीकार नहीं करेंगे.’ वहीं आजाद किसान संघर्ष समिति के पंजाब प्रमुख हरजिंदर सिंह टांडा ने कहा, ‘हम कानूनों को पूरी तरह से वापस लिए जाने की मांग करते हैं. यदि सरकार ने हमारी मांग नहीं मानी, तो हम अपना आंदोलन जारी रखेंगे.’

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