किसान आंदोलन: 9 दिसंबर को फिर होगी बैठक, नरेंद्र सिंह तोमर बोले- वापस नहीं लेंगे कृषि कानून

कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर किसानों का प्रदर्शन 10वें दिन भी लगातार जारी है। इसके अलावा अलग-अलग प्रदेश में किसान अपना विरोध जता रहे हैं।

कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर किसानों का प्रदर्शन 10वें दिन भी लगातार जारी है। इसके अलावा अलग-अलग प्रदेश में किसान अपना विरोध जता रहे हैं। शनिवार को हुई सरकार के साथ किसान नेताओं की पांचवे दौर की बैठक (Meeting) बेनतीजा रही। सरकार ने किसान नेताओं के सामने 9 दिसंबर को छठे दौर की बातचीत का प्रस्ताव रखा है।

केवल हां और नहीं में जवाब चाहते हैं किसान

बैठक (Meeting) में किसान नेताओं का कहना है कि वह केवल हां और नहीं में जवाब चाहते हैं। किसान नेता केवल कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े हैं। सरकार से बातचीत के दौरान किसान नेताओं ने कहा कि हमारे पास एक साल की सामग्री है।

यह भी पढ़ें : बरेली: शादी का झांसा देकर ताह‍िर ने मंद‍िर में मांग भरी, युवती गर्भवती हुई तो उठाया ये खौफनाफ कदम…

एमएसपी जारी रहेगी- कृषि मंत्री

वहीं कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि हमारी सरकार किसानों के प्रति प्रतिबद्ध थी, है और आगे भी रहेगी। किसान नेताओं से सभी पहलुओं पर चर्चा हुई है। उन्‍होंने कहा कि एमएसपी जारी रहेगी। साथ ही बैठक (Meeting) के दौरान उन्होंने किसान नेताओं से अनुरोध किया, ‘मैं आप सभी से अपील करता हूं कि विरोध करने वाले वरिष्ठ नागरिकों और बच्चों से घर भेजा जाए।’

किसी भी हालत में झुकने को तैयार नहीं हैं किसान

कृषि कानून के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसान (farmers) सरकार के सामने किसी भी हालत में झुकने को तैयार नहीं हैं। किसानों का कहना है कि, जबतक सरकार तीनों कानून को वापस नहीं लेगी तबतक उनका आंदोलन जारी रहेगा।

यह भी पढ़ें : बड़ी खबर: अब शादी समारोहों में 100 की जगह इतने लोग हो सकते हैं शामिल, गृह विभाग ने दी अनुमति

किसानों की सरकार को चेतावनी

किसानों ने सरकार को चेतावनी दी है कि, अगर शनिवार को होने वाली बैठक में कोई निष्कर्ष नहीं निकाला गया तो वो लोग यमुना एक्सप्रेस-वे को जाम कर देंगे। टप्पल में एक कार्यक्रम में पहुंचे भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष राकेश टिकैत ने स्पष्ट कर दिया है कि जब तक भारत सरकार किसानों(farmers) की बात को नहीं मान लेती है, तब तक किसान दिल्ली के बॉर्डर पर ही डटे रहेंगे। चाहे उन्हें कितना भी बड़ा आंदोलन करना पड़े।

वहीं उत्तर प्रदेश के कोने-कोने से आंदोलन में पहुंच रहे किसानों (farmers) को देखते हुए कानून-व्यवस्था को लेकर पुलिस अधिकारियों को अलर्ट कर दिया गया है। डीजीपी मुख्यालय से उन जिलों के पुलिस अफसरों को निर्देश जारी किए गए हैं जहां के किसान आंदोलन कर रहे हैं और दिल्ली की तरफ जा रहे हैं. डीजीपी मुख्यालय से जारी निर्देश में नोएडा, गाजियाबाद, मथुरा और मेरठ के अफसरों से कहा गया है कि, पूरी मुस्तैदी के साथ आंदोलन पर नजर रखी जाए। जिससे प्रदर्शन की आड़ में कोई बड़ी घटना न होने पाए। इसके साथ ही पश्चिमी यूपी के कई जिलों में पीएसी भी तैनात कर दी गई है और जोन-रेंज स्तर के अफसरों को सख्त निर्देश जारी किए गए हैं कि, किसी भी तरह की लापरवाही न होने दी जाए।

Related Articles

Back to top button