सावधान!!! पूजा के लिए जलाई जाने वाली अगरबत्ती ले सकती है आप की जान

हिंदू धर्म में नियमित तौर पर पूजा पाठ करने का प्रावधान है। माना जाता है कि रोज पूजा करने से घर में शांति आती है।

हिंदू धर्म में नियमित तौर पर पूजा पाठ करने का प्रावधान है। माना जाता है कि रोज पूजा करने से घर में शांति आती है। आसपास का वातावरण शुद्ध बना रहता है, लेकिन पूजा पाठ करते वक्त आप को कुछ खास बातों का ध्यान रखना भी जरुरी है।

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खुशबूदार अगरबत्‍ती को घर के अंदर जलाने से वायु प्रदूषण होता है विशेष रूप से कार्बन मोनोऑक्साइड। अगर आप नियमित पूजा करती हैं और अगरबत्‍ती जलाती हैं तो अच्‍छा होगा कि अगरबत्‍तियों की मात्रा में कमी कर दें या फिर केवल घी गा दिया ही जलाएं। बंद कमरे में अगरबत्ती न जलाएं। इससे धुएं की सान्द्रता बढ़ जाती है, और फेफड़ों पर ज्यादा असर होता है।

हाल ही के एक अध्ययन के अनुसार अगरबत्तियों से स्वास्थ्य को नुकसान हो सकता है। परिणामों से सिद्ध हुआ है कि घर के अंदर अगरबत्ती जलाने से वायु प्रदूषण होता है विशेष रूप से कार्बन मोनोऑक्साइड जिसके कारण फेफड़ों की कोशिकाओं में सूजन आ सकती है और श्वसन से संबंधित समस्याएं हो सकती हैं। जब श्वास के साथ आवश्यकता से अधिक मात्रा में धुंआ शरीर के अंदर चला जाता है तो अधिकाँश लोगों को अतिसंवेदनशीलता के कारण कफ़ और छीकनें की समस्या हो जाती है।

इन अगरबत्तियों में सल्फ़र डाईऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड, नाइट्रोजन और फॉर्मल्डेहाईड (कण तथा गैस के रूप में) होते हैं जिनके कारण नियमित रूप से इसके संपर्क में रहने पर श्वसन से संबंधित बीमारियाँ जैसे COPD और अस्थमा हो सकती हैं। इस समय श्वसन के माध्यम से जो धुंआ फेफड़ों में जाता है वह धूम्रपान के समय फेफड़ों में जाने वाले धुएं के समान होता है।

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