बड़ी खबर: खट्टर सरकार को लगा झटका, विधायक ने समर्थन वापस लेकर किया ये बड़ा ऐलान…
केंद्र सरकार के खिलाफ चल रहे आंदोलन की आग बढ़ती जा रही है. हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर सरकार को समर्थन देने वाले निर्दलीय विधायक ने समर्थन वापस ले लिया है और किसानों के साथ आ गए हैं.
केंद्र सरकार के खिलाफ चल रहे आंदोलन की आग बढ़ती जा रही है. हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर सरकार को समर्थन देने वाले निर्दलीय विधायक(Independent MLA) ने समर्थन वापस ले लिया है और किसानों के साथ आ गए हैं. निर्दलीय विधायक(Independent MLA) सोमबीर सांगवान ने इससे पहले पशुधन विकास बोर्ड के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था और अब समर्थन वापस ले लिया है. सोमबीर सांगवान ने ऐलान किया है कि, वो दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन में शामिल होने के लिए खाप पंचायतों के साथ जा रहे हैं.
किसान आंदोलन को खाप पंचायतों ने अपना समर्थन दिया
बता दें कि, किसान आंदोलन को खाप पंचायतों ने भी अपना समर्थन दे दिया है और उनके साथ खड़े हो गए हैं. इसी के चलते सोमबीर सांगवान ने मनोहर लाल सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है. सोमबीर सांगवान खाप पंचायत के प्रधान हैं और 1 दिसंबर से किसानों के समर्थन में दिल्ली के लिए कूच करेंगे. सोमबीर सांगवान चरखी दादरी से निर्दलीय विधायक(Independent MLA) हैं और उन्होंने बीजेपी की बबीता फोगाट को हराया था.
ये भी पढ़ें- बड़ी खबर: आईफोन रखने वालों को Apple ने दिया झटका, कंपनी पर लगा…
सोमवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को लिखे पत्र में सांगवान ने कहा, ‘किसानों के समर्थन में मैंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. पूरे देश की तरह, मेरे विधानसभा क्षेत्र दादरी के किसान भी कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं. ऐसे हालात में उनका पूरा समर्थन करना मेरी प्राथमिकता और नैतिक कर्तव्य भी है.’ गौरतलब है कि सोमवीर सांगवान ने विधानसभा चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी बबीता फोगाट को हराया था. हालांकि बाद में उन्होंने मनोहर लाल खट्टर सरकार को समर्थन दिया था.
आरएलपी ने दी चेतावनी
वहीं आरएलपी के संयोजक और नागौर से सांसद हनुमान बेनीवाल ने एक ट्वीट कर लिखा है कि, ‘अमित शाह जी, देश में चल रहे किसान आंदोलन की भावना को देखते हुए हाल ही में कृषि से संबंधित लाए गए तीन विधेयकों को तत्काल वापिस लिया जाए व स्वामीनाथन आयोग की संपूर्ण सिफारिशों को लागू करें व किसानों को दिल्ली में त्वरित वार्ता के लिए उनकी मंशा के अनुरूप उचित स्थान दिया जाए!’
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आएलपी, एनडीए का घटक दल है परन्तु आरएलपी की ताकत किसान व जवान है, इसलिए अगर इस मामले में त्वरित कार्रवाई नहीं की गई तो मुझे किसान हित में राजग का सहयोगी दल बने रहने के विषय पर पुनर्विचार करना पड़ेगा.
देश-विदेश की ताजा ख़बरों के लिए बस करें एक क्लिक और रहें अपडेट
हमारे यू-टयूब चैनल को सब्सक्राइब करें :
हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें :