प्रयागराज : कार्तिक पूर्णिमा पर संगम किनारे लगा भक्तों का तांता

आज प्रयागराज के संगम तट पर कार्तिक पूर्णिमा के पवित्र पर्व के दिन श्रधालुओ ने गंगा यमुना और अदृश्य सरस्वती के मिलन तट मे आस्था की डुबकी लगाई ।कार्तिक पूर्णिमा को त्रिपुरी पूर्णिमा या गंगा स्नान के नाम से भी जाना जाता है ।

आज प्रयागराज के संगम तट पर कार्तिक पूर्णिमा ( Kartik Purnima) के पवित्र पर्व के दिन श्रद्धालुओं ने गंगा यमुना और अदृश्य सरस्वती के मिलन तट मे आस्था की डुबकी लगाई ।कार्तिक पूर्णिमा ( Kartik Purnima) को त्रिपुरी पूर्णिमा या गंगा स्नान के नाम से भी जाना जाता है ।

इस पुर्णिमा को त्रिपुरी पूर्णिमा की संज्ञा इसलिए दी गई है क्योंकि आज के दिन ही भगवान भोलेनाथ ने त्रिपुरासुर नामक महाभयानक असुर का अंत किया था और वे त्रिपुरारी के रूप में पूजित हुए थे।

ये भी पढ़ें – यादों में अम्मा : लोगों के दिलों पर राज करने वालीं जयललिता के प्यार की कहानी रह गई थी अधूरी

पूरे वर्ष स्नान करने का फाल मिलता है

ऐसी मान्यता है कि इस दिन शिव शंकर के दर्शन करने से सात जन्म तक व्यक्ति ज्ञानी और धनवान होता है। इस दिन गंगा नदी में स्नान करने से भी पूरे वर्ष स्नान करने का फाल मिलता है।मान्यता यह भी है कि इस दिन पूरे दिन व्रत रखकर रात्रि में बछड़ा दान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।

ये भी पढ़ें – भाजपा के इस नेता की हुई दर्दनाक मौत , पढ़ें क्या है पूरा मामला

जो व्यक्ति इस दिन उपवास करके भगवान भोलेनाथ का भजन और गुणगान करता है उसे अग्निष्टोम नामक यज्ञ का फल प्राप्त होता है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान, दीप दान, हवन, यज्ञ करने से सांसारिक पाप और ताप का अंत होता है।

अन्न, धन एव वस्त्र दान का बहुत महत्व बताया गया है यह मानियता है की इस दिन जो भी दान किया जाये उसका फल कई गुना मिलता है । मान्यता यह भी है कि इस दिन जो कुछ आज दान किया जाता है। वह स्वर्ग में सरक्षित रहता है जो मृत्यु लोक त्यागने के बाद स्वर्ग में आपको प्राप्त होता है।

  • हमें फेसबुक पेज को अभी लाइक और फॉलों करें @theupkhabardigitalmedia 

  • ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @theupkhabar पर क्लिक करें।

  • हमारे यूट्यूब चैनल को अभी सब्सक्राइब करें https://www.youtube.com/c/THEUPKHABAR

Related Articles

Back to top button