अजीत डोभाल की ये रणनीति चीन को कर देगी पस्त, एनएसए ने चली ये बड़ी चाल…

भारत चीन की चालबाजी और हिंद महासागर में बढ़ते उसके कदम को रोकने के लिए कवायद तेज कर दी है. चीन के मंसूबों को नाकाम करने के लिए भारत पड़ोसी देशों के साथ संबंध मजबूत करने में जुटा है.

भारत चीन की चालबाजी और हिंद महासागर में बढ़ते उसके कदम को रोकने के लिए कवायद तेज कर दी है. चीन के मंसूबों को नाकाम करने के लिए भारत पड़ोसी देशों के साथ संबंध मजबूत करने में जुटा है. इसके लिए जो देश सबसे ज्यादा अहमियत रखते हैं वो श्रीलंका और मालदीव हैं. ये देश भले ही आकार में छोटे और आर्थिक मोर्चे पर चीन से कमजोर हैं लेकिन हिंद महासागर में रणनीति के हिसाब से बहुत कारगर साबित होंगे.

NSA डोभाल ने श्रीलंका और मालदीव के अधिकारियों से की मुलाकात

मालदीव और श्रीलंका के साथ रिश्तों को मजबूत करने के लिए भारतीय एनएसए(NSA) अजीत डोभाल ने दोनों देशों के अधिकारियों के साथ बैठक की. ये बैठक इस बात का संकेत है कि उक्त तीनों देश अब इस क्षेत्र में साझी रणनीति की तरफ बढ़ रहे हैं. बैठक के बाद जारी संयुक्त बयान में कहा गया है कि संयुक्त अभ्यास के अलावा मानवीय आधार पर सहयोग समेत कई मुद्दों पर सहयोग को लेकर बातचीत हुई. इस पूरी बैठक में गौर करने वाली बात ये रही कि चीन द्वारा श्रीलंका पर लगातार दवाब बनाया जा रहा है इसके बावजूद वो इस वार्ता में शामिल हुआ.

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कूटनीतिक मोर्चे पर भी लंबी लड़ाई की योजना

एलएसी पर चीन की मामले को उलझाए रखने की रणनीति को भांपते हुए भारत ने एलएसी पर लंबे समय तक मोर्चा संभालने की रणनीति को अंतिम रूप दे दिया है. सर्दियों के मौसम में भी एलएसी पर भारतीय सेना के जवान तैनात हैं. चीन की चाल को भांपते हुए भारत ने पड़ोसी देश की चौतरफा घेराबंदी के लिए आर्थिक, सामरिक और कूटनीतिक मोर्चे पर भी लंबी लड़ाई की योजना बना ली है.

अमेरिका मालदीव में स्थापित करेगा दूतावास

भारत उन देशों को साथ लेकर चल रहा है जो चीन से परेशान हो चुके हैं, उल्लेखनीय है कि अमेरिका ने मालदीव में अपना दूतावास स्थापित करने का भी ऐलान किया है. श्रीलंका में पोम्पिओ ने चीन को हिंसक जानवर तक करार दिया था और निवेश परियोजनाओं की आड़ में चीन की कर्ज जाल में फंसाने की नीति पर तीखा हमला बोला था. ऐसा माना जा रहा है कि भविष्य में भी हिंद प्रशांत सेक्टर में भारत-अमेरिका-आस्ट्रेलिया-जापान की जो साझा रणनीति बनेगी उसमें मालदीव व श्रीलंका की अहम भूमिका हो सकती है.

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