मन की बात: ‘भारत की संस्कृति पूरी दुनिया के लिए रही है आकर्षण का केंद्र’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को रेडियो पर 'मन की बात' के जरिए देशवासियों को संबोधित किया। प्रधानमंत्री ने ऐसे समय पर देश को संबोधित किया जब कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन जारी है। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि नए कृषि कानूनों से किसानों के लिए नए रास्ते खुले हैं। काफी विचार विमर्श के बाद भारतीय संसद ने इन्हें पारित किया है। उन्होंने कनाडा से मां अन्नापूर्णा की मूर्ति वापस लाने की खुशखबरी को देशवासियों के साझा किया। उन्होंने देशवासियों को प्रकाश पर्व की बधाई दी। इसके अलावा प्रधानमंत्री ने कोरोना के खिलाफ लड़ाई को मजबूती से जारी रखने और सर्दियों में बच्चों और बुजुर्गों का खास ख्याल रखने की अपील की। यहां पढ़ें प्रधानमंत्री के संबोधन की मुख्य बातें-

17 नवंबर को पीएम मोदी ने कार्यक्रम के 71 वें संस्करण के लिए लोगों से सुझाव मांगे थे। पीएम मोदी(Prime minister) ने ट्वीट में लिखा- मन की बात के जरिए हम उत्कृष्ट लोगों की उपलब्धियों का जश्न मनाते हैं, सामाजिक अच्छे के लिए काम कर रहे हैं। लेकिन, हर एक उदाहरण को साझा करने के लिए, कई ऐसे हैं जो समय की कमी के कारण साझा करने में असमर्थ हैं। लेकिन, मैं बहुत से इनपुट पढ़ता हूं और वे वास्तव में मूल्यवान हैं।

प्रधानमंत्री ने देवी की मूर्ति वापस आने की खुशखबरी साझा की

प्रधानमंत्री(Prime minister) मोदी ने मन की बात की शुरुआत में कनाडा से लगभग 100 साल पुरानी देवी अन्नपूर्णा की प्रतिमा वापस आने की खुशखबरी को साझा किया। इस मूर्ति को वाराणसी के एक मंदिर से चुराया गया था और लगभग 100 पहले स्मगल किया गया था। प्रधानमंत्री ने भारत की सांस्कृतिक विरासतों को सुरक्षित करने और विदेश से वापस लाए जाने के प्रयासों की जानकारी दी।

माता अन्नपूर्णा की प्रतिमा की वापसी के साथ एक संयोग यह भी जुड़ा है कि कुछ दिन पूर्व ही वर्ल्ड हेरिटेज वीक मनाया गया है। वर्ल्ड हेरिटेज वीक संस्कृति प्रेमियों के लिए, पुराने समय में वापस जाने, उनके इतिहास के अहम पड़ावों को पता लगाने का एक शानदार अवसर प्रदान करता है।

माता अन्नपूर्णा का काशी से बहुत ही विशेष संबंध है। अब उनकी प्रतिमा का वापस आना हम सभी के लिए सुखद है। माता अन्नपूर्णा की प्रतिमा की तरह ही हमारी विरासत की अनेक अनमोल धरोहरें, अंतरराष्ट्रीय गिरोहों का शिकार होती रही हैं।

म्यूजियम और लाइब्रेरीज अपने कलेक्शन को बना रही हैं डिजिटल

आज देश के कई म्यूजियम और लाइब्रेरीज अपने कलेक्शन को पूरी तरह से डिजिटल बनानेपर काम कर रहे हैं। दिल्ली में हमारे राष्ट्रीय संग्रहालय ने इस संबंध में कुछ सराहनीय प्रयास किए हैं। राष्ट्रीय संग्रहालय द्वारा करीब दस वर्चुअल गैलरीज, इंट्रोड्यूस करने की दिशा में काम चल रहा है। अब आप घर बैठे दिल्ली के नेशनल म्यूजियन गैलरीज का टूर कर पाएंगे। दिल्ली में हमारे राष्ट्रीय संग्रहालय ने इस संबंध में कुछ सराहनीय प्रयास किए हैं।

भारत की संस्कृति पूरी दुनिया के लिए रही है आकर्षण का केंद्र

भारत की संस्कृति और शास्त्र, हमेशा से ही पूरी दुनिया के लिए आकर्षण के केंद्र रहे हैं। कई लोग तो, इनकी खोज में भारत आए और हमेशा के लिए यहीं के होकर रह गए तो कई लोग वापस अपने देश जाकर इस संस्कृति के संवाहक बन गए।

 

प्रधानमंत्री ने गुरु नानक देव को किया याद

प्रधानमंत्री(Prime minister) ने गुरु नानक देव जी के लंगर की परंपरा का जिक्र करते हुए कोरोना काल में सिख समुदाय द्वारा किए गए सेवा की सराहना की।
प्रधानमंत्री ने गुरु साहिब की सेवा का जिक्र करते हुए कहा कि गुरु साहब की मुझ पर विशेष कृपा रही जो उन्होंने मुझे हमेशा अपने कार्यों में बहुत करीब से जोड़ा है।
कल 30 नवंबर को हम श्री गुरु नानक देव जी का 551वां प्रकाश पर्व मनाएंगे। पूरी दुनिया में गुरु नानक देव जी का प्रभाव स्पष्ट रूप से दिखाई देता है। वैंकुवर से वेलिंग्टन तक, सिंगापुर से साउथ अफ्रीका तक, उनके संदेश हर तरफ सुनाई देते हैं।

डॉक्टर सलीम ने बर्ड वाचिंग को लेकर किया उल्लेखनीय कार्य

भारत की संस्कृति और शास्त्र, हमेशा से ही पूरी दुनिया के लिए आकर्षण के केंद्र रहे हैं। कई लोग तो इनकी खोज में भारत आए और हमेशा के लिए यहीं के होकर रह गए, तो कई लोग वापस अपने देश जाकर इस संस्कृति के संवाहक बन गए।

भारत में बहुत सी बर्ड वाचिंग सोसायटी सक्रिय हैं। आप भी जरूर इस विषय के साथ जुड़िए। मेरी भागदौड़ की जिंदगी में, मुझे भी पिछले दिनों केवड़िया में पक्षियों के साथ समय बिताने का बहुत ही यादगार अवसर मिला।

इस महीने 12 नवंबर से डॉक्टर सलीम अली जी का 125वां जयंती समारोह शुरू हुआ है। डॉक्टर सलीम ने पक्षियों की दुनिया में बर्ड वाचिंग को लेकर उल्लेखनीय कार्य किए है। दुनिया में बर्ड वाचिंग को, भारत के प्रति आकर्षित भी किया है।

युवाओं के बीच होना बेहद तरो-ताजा करने वाला होता है

पिछले दिनों मुझे देशभर की कई यूनिवर्सिटीज के स्टूडेंट्स के साथ संवाद का, उनकी एजुकेशन जर्नी के महत्वपूर्ण इवेंट्स में शामिल होने का अवसर प्राप्त हुआ है। टेक्नोलॉजी के जरिए मैं आईआईटी गुवाहाटी, आईआईटी दिल्ली, गांधीनगर की दीनदयाल उपाध्याय पेट्रोलियम यूनिवर्सिटी, दिल्ली के जेएनयू, मैसूर यूनिवर्सिटी और लखनऊ यूनिवर्सिटी के विद्यार्थियों से कनेक्ट हो पाया। देश के युवाओं के बीच होना बेहद तरो-ताजा करने वाला और ऊर्जा से भरने वाला होता है।

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भारत में खेती और उससे जुड़ी चीजों के साथ नए आयाम जुड़ रहे हैं। बीतें दिनों हुए कृषि सुधारों ने किसानों के लिए नई संभावनाओं के द्वार भी खोले हैं। बरसों से किसानों की जो मांग थी, जिन मांगों को पूरा करने के लिए किसी न किसी समय में हर राजनीतिक दल ने उनसे वादा किया था। वो मांगे पूरी हुई हैं। काफी विचार विमर्श के बाद भारत की संसद ने कृषि सुधारों को कानूनी स्वरूप दिया है। इन सुधारों से न सिर्फ किसानों के अने बंधन समाप्त हुए हैं बल्कि उन्हें नए अधिकार भी मिले हैं। नए अवसर भी मिले हैं।

नए कानून से मिले किसानों को नए अधिकार

मन की बात के दौरान पीएम(Prime minister) मोदी ने कहा कि संसद ने हाल ही में कठोर मंथन के बाद कृषि सुधार कानून पारित किया है। उन्होंने कहा कि इन सुधारों ने न केवल किसानों की दिक्कतें कम हुई हैं बल्कि इस कानून ने उन्हें नए अधिकार और अवसर भी दिए हैं।

प्रधानमंत्री(Prime minister) ने लोगों से की सावधानी बरतने की अपील

प्रधानमंत्री(Prime minister) ने सर्दी के मौसम में बच्चों और बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखने और सावधानी बरतने की सलाह दी।

कोरोना वैक्सीन का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने देश की जनता से सावधान रहने के साथ लड़ाई को मजबूती से जारी रखने की अपील की।

छह दिसंबर को बाबा साहब को श्रद्धांजलि देने के साथ ही देश के प्रति अपने संकल्पों, संविधान ने, एक नागरिक के तौर पर अपने कर्तव्य को निभाने की जो सीख हमें दी है, उसे दोहराने का है।

प्रधानमंत्री ने कृषि की पढ़ाई कर रहे छात्रों से गांवों के किसानों को कृषि सुधारों और आधुनिक कृषि को लेकर जागरुक कर देश में हो रहे बदलाव का सहभागी बनने की अपील की।

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