विकास दुबे के भाई पर पुलिस ने दर्ज की FIR, इनाम की राशि जानकर हो जाएंगे हैरान
विकास दुबे के भाई दीप प्रकाश दुबे पर लखनऊ में एक और एफआईआर हुई है। दीप प्रकाश दुबे पर कृष्ण नगर थाने में एफआईआर दर्ज की गयी है।
लखनऊ। विकास दुबे के भाई दीप प्रकाश दुबे पर लखनऊ में एक और एफआईआर हुई है। दीप प्रकाश दुबे पर कृष्ण नगर थाने में एफआईआर दर्ज की गयी है। एसआईटी की जांच रिपोर्ट के आधार पर दीप प्रकाश दुबे पर धोखाधड़ी और तथ्य छिपाने पर एफआईआर दर्ज की गयी है। दीप प्रकाश ने विकास दुबे की जमानत कराने के दौरान विकास का अपराधिक इतिहास छुपाया था।
इतना ही नहीं कोर्ट में विकास दुबे पर दर्ज मुकदमों की जानकारी नहीं दी थी। एसआईटी की रिपोर्ट के बाद दीप प्रकाश दुबे पर कृष्णा नगर थाने में दूसरी एफआईआर दर्ज हुई है।
25000 का इनामी है विकास दुबे का भाई
सरकारी नंबर की एंबेसडर कार धमका कर लेने के मामले में पहले से ही दीप प्रकाश दुबे पर एफआईआर दर्ज है। हालांकि दीप प्रकाश दुबे अभी भी फरार है। विकास दुबे के भाई दीप प्रकाश दुबे पर 25000 का इनामी है।
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पत्नी रिचा दुबे और उसके भाई समेत 9 लोगों के खिलाफ पहले ही दर्ज़ है एफआईआर
बता दें कि बिकरू कांड में एसआईटी की जांच के बाद विकास दुबे की पत्नी रिचा दुबे और उसके भाई समेत 9 लोगों के खिलाफ पुलिस द्वारा एफआईआर पहले ही दर्ज की गई है। गौरतलब है कि एसआईटी ने अपनी जांच के बाद पुलिस को उन पर मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए थे। मालूम हो कि पहले बिकरू कांड की जांच एसआईटी कर रही थी।
जिन्होंने अपनी जांच में कुछ पुलिस अफसरों सहित विकास दुबे की पत्नी सहित कुछ लोगों को भी दोषी पाया। रिचा दुबे सहित उसके रिश्तेदारों और परिचितों ने फर्जी दस्तावेजों से सिम लिए थे. रिपोर्ट के आधार पर अब जिला प्रशासन और पुलिस द्वारा रिचा दुबे और उसके रिश्तेदारों पर कार्रवाई की गई है।
सब फर्जी दस्तावेजों की बात सामने आई
एसआईटी की जांच में यह भी पाया गया कि रिचा दुबे, मोनू, अरविंद त्रिवेदी, राजू बाजपेई, विष्णु पाल, दीपक, शिव तिवारी, शांति देवी, खुशी और रेखा ने भी फर्जी दस्तावेजों के आधार पर सिम ली थी। इसके अलावा जय बाजपेई ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर पासपोर्ट बनवाया था। पुलिस ने जब इन नंबरों की जानकारी निकाली सब फर्जी दस्तावेजों की बात सामने आई। इन सभी के खिलाफ एसआईटी टीम के अध्यक्ष और अपर मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी के निर्देश पर पुलिस को कार्रवाई करने के लिए कहा गया।
आपको बता दें कि गत 2 जुलाई की रात बिकरू गांव में जब पुलिस गैंगस्टर विकास दुबे के घर दबिश देने पहुंची तो बदमाशों ने पुलिस पर हमला कर दिया। जिसमें सीओ देवेंद्र मिश्रा सहित आठ पुलिसकर्मी मारे गए. इसके बाद विकास दुबे भी यूपी एसटीएफ के द्वारा अपने पांच साथियों सहित मुठभेड़ में मारा गया। इसके बाद इसकी जांच के लिए तीन सदस्य वाली एसआईटी का गठन किया गया।
एसआईटी का गठन अपर मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी की अध्यक्षता में किया गया है। इसमें अपर पुलिस महानिदेशक हरिराम शर्मा और पुलिस उप महानिरीक्षक जे रवींद्र गौड़ को सदस्य बनाया गया है. जिन्होंने जांच कर 4 नवंबर को सरकार को लगभग साढ़े तीन हज़ार पन्नों की रिपोर्ट सौंपी थी।
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