अमेठी: मनरेगा योजना चढ़ी भ्रष्टाचार की भेंट……….

प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जहां भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस पर बात करते हैं और लगातार मुख्यमंत्री द्वारा भ्रष्टाचार के खिलाफ आदेश निर्देश दिए जा रहे हैं वहीं अमेठी में गरीब मजदूरों को रोजगार देने वाली महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना मनरेगा भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई है।

प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जहां भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस पर बात करते हैं और लगातार मुख्यमंत्री द्वारा भ्रष्टाचार के खिलाफ आदेश निर्देश दिए जा रहे हैं वहीं अमेठी में गरीब मजदूरों को रोजगार देने वाली महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना मनरेगा भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई है। भ्रष्टाचारियों की काली निगाहें सरकार के इस महत्वपूर्ण योजना की साख को अमेठी जनपद में बट्टा लगा रही हैं। इस योजना में रोजगार की गारंटी हो ना हो लेकिन भ्रष्टाचार की पूरी गारंटी है। दरअसल यूपी के जनपद अमेठी के अंतर्गत मुसाफिरखाना विकासखंड के एक गाँव में चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां जिम्मेदारों की मिलीभगत से बिना काम किए ही मजदूरों के खाते में रुपये आ गए हैं। इतना ही नहीं, आरोप ये भी है कि मनरेगा में जेसीबी मशीन लगाकर काम कराया गया और उसके बाद फर्जी मजदूर दिखाकर धनराशि निकाल ली गई।

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दरअसल विकासखंड मुसाफिरखाना के सालपुर गाँव निवासी रामअवध ने जिलाधिकारी अमेठी से शिकायत की है कि उनकी ग्रामसभा अंतर्गत पूरे सरफराज में ग्राम प्रधान ने जेसीबी मशीन से नाली की खुदाई करवाई है और ऐसे लोगों के नाम मस्टरोल भरकर धनराशि निकाल ली जो सऊदी अरब व दुबई जैसे देशों में नौकरी कर रहे हैं। शिकायतकर्ता का दावा ये भी है कि जेसीबी से नाली की खुदाई करने का उनके पास वीडियो भी है जिसमें प्रधान पति खुद खड़े होकर नाली की खुदाई करवा रहे हैं।जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। आरोप है कि यहां जितने भी लोगों के नाम धनराशि निकाली गई है उन्होंने कोई काम ही नहीं किया है। प्रधानपति व उनके पिता खुद इस सूची में शामिल हैं।

शिकायतकर्ता ने बताया कि ग्राम प्रधान ने जेसीबी मशीन लगाकर नाली की खुदाई करवाई है और फर्जी लोगों के नाम पर मनरेगा की मजदूरी निकाल ली गई है। जिसकी शिकायत हमने जिलाधिकारी अमेठी को शिकायती पत्र देकर की है। वहीं प्रधानपति राम उजागिर ने बताया कि हमने अधिकारियों से बता दिया था। क्योंकि रास्ते का मामला था तो रास्ता बाधित ना हो तो इस कारण उसको जेसीबी से खुदवा दिया गया था। लेकिन उसका पेमेंट हम लोग मिट्टी का नहीं लिए थे।प्रधानप्रतिनिधि ने बताया कि इसकी सूचना सचिव को दे दी थी। इतना ही नहीं, उन्होंने कबूल किया कि उनके परिवार के लोगों के साथ-साथ 60 से 65 वर्ष की आयु के बुजुर्गों ने इसमें मजदूरी की है।वहीं मामले पर मुख्य विकास अधिकारी अमेठी अंकुर लाठर ने बताया की मामला संज्ञान में आया है।शिकायत कर्ता द्वारा इस विषय मे बताया गया है।जिस पर मामले की गंभीरता से पूरी जांच कराई जाएगी।और जो भी मामले में दोषी हैं। उनके खिलाफ निश्चित ही कार्रवाई की जाएगी।

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