कमिश्नरी से वापस होगी ये पावर, जिला प्रशासन का फिर बढ़ेगा रसूख
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ और नोएडा में कमिश्नरी सिस्टम लागू होने के बाद से आईएएस और आईपीएस के बीच विवाद शुरू हो गया था. जिसे अब सरकार खत्म करने की कवायद शुरू कर दी है.
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ और नोएडा में कमिश्नरी सिस्टम लागू होने के बाद से आईएएस और आईपीएस के बीच विवाद शुरू हो गया था. जिसे अब सरकार खत्म करने की कवायद शुरू कर दी है. योगी सरकार ने फैसला किया है कि, भूमि संबंधी जो भी मामले कमिश्नरी को दिए गए थे उसे अब वापस जिला प्रशासन को दिए जाएंगे. जमीन संबंधी जितनी भी शक्तियां होंगी वो अब कमिश्रनर के बजाय डीएम के पास स्थानांतरित की जाएंगी.
धारा 133 और 145 की पावर वापस होगी
बता दें कि, योगी सरकार ने लखनऊ और नोएडा में इसी साल कमिश्नरी सिस्टम लागू किया था. कमिश्नरी सिस्टम लागू होने के बाद आईएएस और आईपीएस के बीच पावर कम और ज्यादा होने की लड़ाई शुरू हो गई थी. जिसे अब योगी सरकार खत्म करने की पूरी तैयारी कर चुकी है. सीआरपीसी की धारा 133 और 145 की पावर अब कमिश्नर से वापस लेकर जिला प्रशासन को सौंपी जाएगी.
सीआरपीसी की धारा 145 के तहत विवादित जमीनों और मकानों को अटैच करने की पावर पुलिस को दे दी गई थी. जिसे अब फिर से जिलाधिकारी को वापस कर दिए जाएंगे. ये अधिकार लखनऊ और नोएडा दोनों जिलों से वापस होंगे. इसके साथ ही धारा 133 जिसके तहत तालाब और ग्राम समाज की जमीन के अधिकार का फैसला किया जाता था उसे भी अब जिला प्रशासन ही संभालेगा.
डीएम को पहले जैसी पावर देने की तैयारी
कमिश्नरी सिस्टम लागू होने के बाद पुलिस को शांति भंग होने की आशंका और उनसे उपजे विवादों को निपटाने की पावर दे दी गई थी. लेकिन अब वो शक्ति भी पुलिस से वापस ली जाएगी. मतलब अब फिर से डीएम के पास वो पहले वाली सारी पावर होगी जिसके लिए लड़ाई लड़ी जा रही थी.
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