भूलकर भी इन महिलाओं को नहीं छूना चाहिए ‘तुलसी’ वरना भुगतने पड़ सकते हैं ये अंजाम..

हिन्दू मान्यताओं में तुलसी  का बहुत महत्त्व बताया गया है। इतना ही नहीं तुलसी के औषधि गुणों से आप भली प्रकार वाकिफ होने पर क्या क्या पको पता है इस तरह की महिलाओं को भूलकर भी नहीं छूना चाहिए। 

हिन्दू मान्यताओं में तुलसी  का बहुत महत्त्व बताया गया है। इतना ही नहीं तुलसी के औषधि गुणों से आप भली प्रकार वाकिफ होने पर क्या क्या पको पता है इस तरह की महिलाओं को भूलकर भी नहीं छूना चाहिए। 

हिन्दु धर्म में तुलसी सर्वश्रेष्ठ और पूजनीय है, शास्त्रों में उल्लेख मिलता है कि जिस घर में तुलसी का पौधा नहीं होता है तो वहां पर नकारात्मकता वास करती है। आपको बता दें कि तुलसी ना केवल धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण है बल्कि वैज्ञानिक रूप से भी बहुत ही गुणकारी मानी जाती है। तुलसी में अनेकों औषीय गुण पाये जाते हैं।

महिलाओं को तुलसी की पूजा नहीं करनी चाहिए

तुलसी कई प्रकार की होती है। एक तुलसी हरे रंग की होती है जबकि दूसरी तुलसी गहरे भूरे रंग की होती है। जैसे रामा तुलसी, श्यामा तुलसी, वाना तुलसी, कपूर तुलसी आदि। लेकिन घरों में मुख्य रूप से रामा और श्यामा तुलसी पायी जाती है। अन्य तुलसियों को घर में रखना शास्त्रों के अनुसार उचित नहीं माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार कुछ महिलाओं को तुलसी की पूजा नहीं करनी चाहिए। शास्त्रों में कुछ ऐसी महिलाएं बताई गई हैं।

जिन्हें तुलसी के आसपास भी नहीं भटकना चाहिए। वरना भयंकर पाप लगता है। तो आइए जानते हैं कि तुलसी की पूजा किन महिलाओं को नहीं करनी चाहिए।शास्त्रों के अनुसार देव उठनी एकादशी पर तुलसी विवाह को सबसे ज्यादा शुभ माना गया है। तुलसी विवाह से ना केवल शुभ फलों की प्राप्ति होती है, बल्कि कन्यादान जैसे बड़े पुण्य की भी प्राप्ति होती है।

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मासिक धर्म के दौरान महिलाओं को तुलसी का पूजन नहीं करना चाहिए। इस संदर्भ में महाभारत कालीन एक कथा आती है। जब युधिष्ठिर द्रोपदी समेत समस्त पांडवों को जुआ में हार गए थे। और दुर्योधन ने उस दौरान द्रोपदी को सभा भवन में बुलाया था तो उसे समय द्रोपदी रजस्वला स्थिति यानि मासिक धर्म के दौरान एक कपड़े में लिपटी अन्य स्त्रियों से अलग रह रही थी। उस समय उसने किसी तरह की पूजा तो दूर, अपने किसी बड़े से आशीर्वाद लेने के लिए भी नहीं गई थी।

तुलसी विवाह को भी पूर्णरूप से करने से वैवाहिक जीवन सफल हो जाता है

प्राचीनकाल में ऐसी स्थिति में महिलाओं को ऐसी स्थिति में सबसे अलग रहना पड़ता था। इसलिए मासिक धर्म के दौरान महिलाओं को तुलसी पूजा नहीं करनी चाहिए। ऐसी स्थिति में पूजा करने वाली महिलाओं को पाप लगता है।सुहागिन महिलाओं के लिए तुलसी पूजा बहुत ही महत्वपूर्ण मानी जाती है। तुलसी विवाह को भी पूर्णरूप से करने से वैवाहिक जीवन सफल हो जाता है।

और ऐसा करने वालों को सात जन्मों तक का साथ मिल जाता है। लेकिन अगर आपने हिन्दु धर्म के अनुसार विवाह के दौरान सात फेरे नहीं लिए हैं तो ऐसी महिलाओं को भी तुलसी के आसपास गलती से भी नहीं जाना चाहिए। ऐसी महिलाओं को तुलसी पूजा नहीं करनी चाहिए। बगैर सात फेरे लेने वाली महिलाएं तुलसी से दूर ही रहना चाहिए।

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अगर आपने कोर्ट मैरिज भी की है तो भी आप तुलसी पूजा करने की अधिकारी नहीं हैं। ऐसी महिलाएं पहले अपने पति के साथ सात फेरे लें और उसके बाद तुलसी की पूजा करें। अगर आप ऐसा नहीं करती हैं तो आप पाप की भागीदार बन सकती हैं। और माता तुलसी आपसे नाराज हो सकती हैं।

आपको तुलसी के पौधे से दूर ही रहना चाहिए

भले ही कुवांरी कन्या तुलसी पूजन कर लें, लेकिन बिना सात फेरे लिए विवाह रचाने वाली महिलाएं बिलकुल भी तुलसी का पूजन ना करें। चरित्रहीन व्यक्ति और मन में गंदे विचार रखने वाली महिलाओं को भी तुलसी के पौधे से दूर ही रहना चाहिए। ऐसे व्यक्ति की पूजा तुलसी माता कभी भी स्वीकार नहीं करती हैं। शास्त्रों के अनुसार अगर आपके मन में गलत विचार आते हैं, और दूसरे लोगों के प्रति आपके मन में गलत भावना है तो आपको तुलसी के पौधे से दूर ही रहना चाहिए।

ऐसे व्यक्ति को तो तुलसी विवाह में भी शामिल नहीं होना चाहिए। माता तुलसी ऐसे लोगों से हमेशा क्रोधित रहती हैं। और ऐसे व्यक्ति की पूजा भी माता तुलसी कभी स्वीकार नहीं करती हैं। अगर आपका मन सच्चा है तो तभी आपको तुलसी की पूजा करनी चाहिए।

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