फ़तेहपुर: सीएम के गौवंशो से प्रेम को साकार कर रहे डीएम, गोबर भी पर्यावरण के लिए साबित होगा वरदान
जिले के गौ-संरक्षण केंद्रों में कुल 3938 गोवंश, देखरेख के लिए बेहतर इंतेजमात
फ़तेहपुर जिले में THE UP खबर की टीम ने गौ-संरक्षण केंद्रों का रियल्टीचेक किया। रियल्टीचेक के दौरान भिटौरा ब्लॉक के सलेमाबाद और रारा गौ-संरक्षण केंद्रों में बेहतर व्यवस्थाएं मिली। गौ-संरक्षण केंद्रों में आवारा जानवरो के स्वास्थ्य और सेहत का भी पूरा ख्याल रखा जा रहा है। गायों को पशुआहार युक्त भूसा के साथ-साथ हरा चारा भी दिया जा रहा है। गायों की बेहतर स्वास्थ्य और सेहत खुद ही गौ-संरक्षण केंद्रों की तमाम व्यवस्थाओं को बयां कर रही है। इसके अलावा साफ-सफाई का भी पूरा ध्यान रखा जा रहा है।
बतादे की जिले में अस्थाई-स्थाई मिलाकर कुल 26 गौ-संरक्षण केंद्र खोले गए है, जिनमे कांजी हाउस भी शामिल है। जिले के गौ-संरक्षण केंद्रों में कुल 3938 गोवंशों को रखा गया है। जिनके देखरेख के लिए बेहतर इंतेजमात किए गए है।
जिले के मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी आरके शर्मा ने बताया कि गौ-संरक्षण केंद्रों में प्रधान और ग्राम पंचायत द्वारा पशुओं का बेहतर ख्याल रखा जा रहा है। समय-समय पर पशु डॉक्टरों की टीम गौ-संरक्षण केंद्रों में पशुओं की जांच भी करती है। बेहतर देखरेख के चलते पशुओं को तमाम बीमारियों से भी बचाया जा रहा है। मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी के मुताबिक जिले के अधिकांश गौ-संरक्षण केंद्रों को स्वावलंबी बनाने के लिए मशीने लगाई गई है। इन मशीनों से गायों के गोबर की खपत भी होगी और साथ ही गोबर मशीन से लट्ठा तैयार कर गौ-संरक्षण केंद्रों की आमदनी भी बढ़ाई जा सकेगी, जिससे पशुुुओं को और भी बेहतर व्यवस्था मिल सकेगी।
गाय का गोबर पर्यावरण के लिए भी वरदान साबित होगा। अब तक गाय का दूध-घी शरीर को सेहतमंद बनाता आ रहा है, लेकिन अब उसका गोबर भी पर्यावरण का स्वास्थ्य बढ़ाएगा। जिला प्रशासन ने गाय के गोबर से गो-काष्ठ ‘लकड़ी’ बनाने की तैयारी पूर्ण कर ली है। जिले के अधिकांश गौ-संरक्षण केंद्रों में मशीने भी आ गई है। इन मशीनों से गायो के गोबर की खपत होगी और गोबर से तैयार लट्ठों से गौ-संरक्षण केंद्रों की आमदनी भी बढ़ेगी। साथ ही इस वर्ष ठंड के मौसम में अलाव के लिए लकड़ी का प्रयोग कम हो, और गो-काष्ठ का प्रयोग किया जा सके, जिससे पेड़ भी कटने से बच जाएंगे।
बतादे की सीएम योगी आदित्यनाथ का गौ प्रेम किसी से छिपा नही है। जिसको सफल बनाने के लिए डीएम संजीव सिंह भी बेहद सख्त बताए जा रहे है। शुरुआती ठंड के साथ ही डीएम गौ-संरक्षण केंद्रों का लगातार निरीक्षण भी कर रहे है। ऐसे में वह किसी भी लापरवाही को नजर अंदाज नही कर रहे है। साथ ही संबंधितों को स्पष्ट चेतावनी दिया है कि गौ-संरक्षण केंद्रों में पशुओं को बेहतर देखभाल के साथ हरा चारा और पशुआहार युक्त भूसा दिया जाए। निरीक्षण के दौरान अगर लापरवाही सामने आई तो कार्यवाई भी तय है।
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