वो आईपीएस अफसर जिसने 26/11 हमले की जांच कर NIA को दिलाई नई पहचान
यूं तो 26/11 मुबंई हमले की कई अफसरों ने जांच की, लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक आईपीएस अफसर ने आंतकियों की इस दशहत भरी वारदात की जांच कर न सिर्फ पाकिस्तान का असली चेहरा दुनिया के सामने उजागर किया, बल्कि नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) को पहचान भी दिलाई।
यूं तो 26/11 मुबंई हमले की कई अफसरों ने जांच की, लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक आईपीएस अफसर ने आंतकियों की इस दशहत भरी वारदात की जांच कर न सिर्फ पाकिस्तान का असली चेहरा दुनिया के सामने उजागर किया, बल्कि नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) को पहचान भी दिलाई। हम बात कर आईपीएस संजीव कुमार सिंह की, जिन्होंने पठानकोट एयरबेस आतंकी हमला, झीरम घाटी नरसंहार कांड, बोधगया बमकांड जैसे कई हाई प्रोफाइल मामलों की जांच को अहम मोड़ तक पहुंचाया और अपनी प्रतिभा से खूब सुर्खियां बटोरीं।
कर्तव्यों को पूरी निष्ठा से निभाने वाले अधिकारी
मध्यप्रदेश कैडर के 1987 बैच के आईपीएस संजीव बेहद ईमानदार और अपने कर्तव्यों को हमेशा पूरी निष्ठा व कुशलता से निभाने वाले अधिकारी थे। अपने कर्तव्यों के निर्वहन में संजीव ने कभी भी कोई समझौता नहीं किया, इसका अंजादा इस बात से लगाया जा सकता हैं कि उन्होंने भोपाल के एसपी पद पर रहते हुए तत्कालीन मंत्री के बेटे की सार्वजनिक रूप से पिटाई की थी, क्योंकि वह एक लड़की के खिलाफ भद्दे कमेंट कर रहा था। इस किस्से की गूंज काफी समय तक भोपाल और मध्य प्रदेश के सियासी व प्रशासनिक गलियारों में रही। इतना ही नहीं, गहरे पानी में डूबती हुए लड़की की जान बचाने के लिए संजीव ने अपने जान की भी परवाह नहीं की और अपनी कार से सीधे पानी में छलांग लगाकर उसकी जान बचाई।
चित्रकूट : मासूम बच्चों को हवस का शिकार बना अश्लील वीडियो इंटरनेट पर वाला सिंचाई विभाग का जेई निलंबित
कई बड़े पदों पर रहकर दी सेवा
आईपीएस संजीव अपने कार्यकाल में कई बड़े पदों पर नियुक्त रहे। गवर्मेंट ऑफ इंडिया से डेप्यूटेशन से लौटने के बाद संजीव को एडीजी एंटी नक्सलाइट ऑपरेशन की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। डेप्यूटेशन के दौरान जनवरी 2009 में संजीव ने एनआईए ज्वाइन किया और करीब सात साल तक काम किया। एनआईए में संजीव आईजी के साथ-साथ एजेंसी के प्रवक्ता भी रहे।
एनआईए को दिलाई पहचान
एनआईए में उन्हें पहले प्रोजेक्ट के तौर पर मुंबई के 26/11 हमले के दोषियों को बेनकाब करने की ज़िम्मेदारी सौंपी गयी थी। दिसंबर 2011 में उन्होंने जो चार्जशीट फाइल की, उसमें कहा गया कि मुंबई हमले में पाकिस्तान में आर्मी अफसर रह चुके दो लोगों का सीधा हाथ था। अपनी काबिलियत और नए प्रयोगों से संजीव ने एक ओर खूब तारीफें बटोरीं तो वहीं दूसरी ओर एनआईए को पहचान भी दिलाई। संजीव की बीएसएफ में पोस्टिंग रही, मध्य प्रदेश के नक्लस ऑपरेशन के एडीजी पद पर रहे। उन्होंने भोपाल के एसपी पद की जिम्मेदारी निभाई। इसके अलावा एनएससी में भारत की रणनीतिक ज़रूरतों के लिए कई नीतियां बनवाने में अहम रोल भी निभाया।
58 वर्ष की उम्र में स्वीकारा PM का फिटनेस चैलेंज
आईपीएस संजीव का नाम एक बार फिर तब सुर्खियों में आया, जब उन्होंने 58 वर्ष की उम्र से ऊपर से होने के बावजूद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फिटनेस चैलेंज को एक्सेप्ट किया। उन्होंने ट्वीटर पर अपनी कसरत के कई ऐसे वीडियो के शेयर किये, जिसे देख पूरा युवा वर्ग हैरान रह गया। उनके वीडियो को लोगों ने भी काफी पसंद किया।
16 अक्टूबर को ली अंतिम सांस
पिछले कुछ माह पूर्व डेंगू की चपेट में आने से संजीव को वेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उन्हें लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया था, लेकिन 16 अक्टूबर 2020 को करीब रात के 11 बजे उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया। एमपी के विशेष डीजी पद से सेवानिवृत्त संजीव ने अपने कार्यकाल में ऐसी छाप छोड़ी, जिसके कारण आज भी लोग उन्हें याद करते हैं। उनका सहज व्यवहार और जिम्मेदारी के प्रति समर्पण ही पुलिस विभाग के लिए हमेशा मिसाल बना रहेगा।
देश-विदेश की ताजा ख़बरों के लिए बस करें एक क्लिक और रहें अपडेट
हमारे यू-टयूब चैनल को सब्सक्राइब करें :
हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें :