चित्रगुप्त पूजा करने के 4 फायदे, हर किसी को पता होनी चाहिए…
भाई दूज के शुभ अवसर के साथ ही आज चित्रगुप्त भगवान की भी पूजा की जाएगी। हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, इस दिन अगर चचेरी, ममेरी, फुफेरी या कोई भी बहन अपने हाथ से भाई को भोजन कराए तो उसकी आयु बढ़ती है।
भाई दूज के शुभ अवसर के साथ ही आज चित्रगुप्त भगवान की भी पूजा की जाएगी। हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, इस दिन अगर चचेरी, ममेरी, फुफेरी या कोई भी बहन अपने हाथ से भाई को भोजन कराए तो उसकी आयु बढ़ती है। साथ ही जीवन के कष्ट भी दूर होते हैं। भाई दूज पर्व भाईयों के प्रति बहनों की श्रद्धा और विश्वास का पर्व है। कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीया को भाई दूज का त्योहार मनाया जाता है। यह दीपावली के पांच दिनी महोत्सव का अंतिम दिन होता है। भाई दूज को असल में यम द्वितीया कहते हैं। इस दिन यमराज और भगवान चित्रगुप्त की पूजा होती है।
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चित्रगुप्त हिंदुओं के प्रमुख देवता माने जाते हैं। पुराणों के मुताबिक, चित्रगुप्त अपने दरबार में मनुष्यों के पाप-पुण्य का लेखा-जोखा कर न्याय करते थे। व्यापारी वर्ग के लोगों के लिए यह दिन नए साल की शुरुआत जैसा है। इस दिन नए बहीखातों पर ‘श्री’ लिखकर कार्य प्रारंभ किया जाता है।
पुराणों के अनुसार चित्रगुप्त पूजा करने से विष्णुलोक की प्राप्ति होती है।
चित्रगुप्त की पूजा करने से साहस, शौर्य, बल और ज्ञान की प्राप्ति होती है।
भैया दूज के दिन भगवान चित्रगुप्त की पूजा के साथ-साथ लेखनी, दवात तथा पुस्तकों की भी पूजा की जाती है। इससे विद्या की प्राप्ति होती है।
वणिक वर्ग के लिए यह नवीन वर्ष का प्रारंभिक दिन कहलाता है। इस दिन नवीन बहियों पर ‘श्री’ लिखकर कार्य प्रारंभ किया जाता है। जिससे कार्य में बरकत बनी रहती
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