झांसी : समाप्त होने की कगार पर बुंदेलखंडी मोनिया नृत्य परंपरा

बुंदेलखंडी मोनिया नृत्य परंपरा आज भी कायम है हर वर्ष गोवर्धन पर्व पर मोनिया (नृत्य करने वालो की टोली) बुंदेलखंड के हर क्षेत्र में नजर आते हैं मोनिया की टोली गोवर्धन पर्व के दिन शहरों में दिखाई देती है।

बुंदेलखंडी मोनिया नृत्य परंपरा आज भी कायम है हर वर्ष गोवर्धन पर्व पर मोनिया (नृत्य करने वालो की टोली) बुंदेलखंड के हर क्षेत्र में नजर आते हैं मोनिया की टोली गोवर्धन पर्व के दिन शहरों में दिखाई देती है।

टोलियों का नगरवासी सम्मान करते हैं

उक्त मोनिया भगवान श्री कृष्ण के बुंदेलखंडी भाषा में भजन गाते हुए नृत्य करते हैं। इस टोली में जो भक्त नाचते है वे मौनव्रत रखते है और जो साथी होते है वे लोकगीत गाते है। उक्त टोलियों का नगरवासी सम्मान करते हैं।

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मोनियो की ग्राम एवं नगर के मोहल्लों में अपने अपने संगठन होते हैं जिनकी परंपराएं होती हैं। उक्त दौरान यह मौन रहकर नृत्य करते हैं उक्त परंपराओं का पालन करने वाले ही मोनिया संगठनों में रहते हैं

कुछ वर्षों से मोनिया संगठनों में कमी आई है लेकिन अनेक मोनिया संगठन अपनी परंपरा को कायम किए हैं एवं गोवर्धन पर्व पर श्री कृष्ण के बुंदेलखंडी भजनों पर उनका बखान करते हुए नृत्य करते हैं यदि समय रहते मोनिया संगठनों का उत्साहवर्धन नहीं किया गया तो यह परंपरा धीरे-धीरे समाप्त हो जाएगी सांस्कृतिक मंत्रालय को बुंदेलखंड की मोनिया परंपरा को कायम रखने के लिए सहयोग करने की आवश्यकता है।

रिपोर्टर -मदन यादव

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