लखनऊ : दिवाली पर योगी आदित्यनाथ की सरकार की तरफ से लोगों को गिफ्ट

दिवाली रोशनी का त्योहार है। इस अवसर पर हर ओर प्रकाश ही प्रकाश नजर आता है। लाइटों से गांव से लेकर शहर तक जगमगा उठते हैं। ऐसे में उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार की ओर से भी जनता को रोशनी से जुड़ा एक बड़ा उपहार दिया गया है।

दिवाली रोशनी का त्योहार है। इस अवसर पर हर ओर प्रकाश ही प्रकाश नजर आता है। लाइटों से गांव से लेकर शहर तक जगमगा उठते हैं। ऐसे में उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार की ओर से भी जनता को रोशनी से जुड़ा एक बड़ा उपहार दिया गया है।

जी हां, काफी समय से ऐसी खबरें सामने आ रही थीं कि बिजली की दरें महंगी होने वाली हैं। कहा जा रहा था कि सरकार बिजली की दरें बढ़ाने जा रही है, मगर फिलहाल के लिए इस फैसले को योगी सरकार ने टाल दिया है।

कोरोनावायरस ने वैसे भी बहुत से लोगों की कमर तोड़ कर रख दी है

राज्य विद्युत नियामक आयोग ने इस संबंध में निर्णय कर लिया है। राज्य में बिजली की दरें इस वक्त नहीं बढ़ाई जाने वाली हैं।ऐसे में लोगों को अब बड़ी राहत मिलने वाली है। कोरोनावायरस ने वैसे भी बहुत से लोगों की कमर तोड़ कर रख दी है।

ऐसे में लोग बिजली के महंगे होने की बात को सुनकर काफी परेशान नजर आ रहे थे। हालांकि, त्योहार के दौरान जो योगी सरकार ने बिजली की दरें नहीं बढ़ाने का निर्णय लिया है।  उसकी वजह से जनता को थोड़ी राहत तो जरूर मिलने जा रही है।

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बात दरअसल यह है कि कोरोनावायरस की वजह से जब लॉकडाउन लगा दिया गया था, तो इस दौरान उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन को गंभीर नुकसान झेलना पड़ा था। सीधे बिजली की दरें तो पावर कॉर्पोरेशन नहीं बढ़ा रहा था, लेकिन स्लैब में बदलाव करके रेट बढ़ाने की तैयारी में वह जरूर जुटा हुआ था।

उत्तर प्रदेश के लगभग 80 फीसदी घरेलू उपभोक्ताओं को योगी सरकार ने बड़ी राहत

राज्य विद्युत नियामक आयोग को बिजली के रेट को बढ़ाने से जुड़ा एक प्रस्ताव भी उसकी तरफ से भेजा गया था। इस प्रस्ताव को यदि स्वीकार कर लिया गया होता और राज्य में यदि उसे लागू कर दिया गया होता तो ऐसे में उपभोक्ताओं को पहले से ज्यादा बिजली का बिल चुकाना पड़ता।आयोग के प्रस्ताव को फिलहाल नहीं मानकर उत्तर प्रदेश के लगभग 80 फीसदी घरेलू उपभोक्ताओं को योगी सरकार ने बड़ी राहत दी है।

जो प्रस्ताव आयोग के पास भेजा गया था, उसमें बिजली की दरों के 80 स्लैब को 53 किए जाने का प्रस्ताव दिया गया था। इसके अलावा भी और भी कई प्रस्ताव इसमें शामिल थे। यदि इन प्रस्तावों को स्वीकार कर लिया गया होता तो इस बात की पूरी आशंका थी कि बिजली 3 से 4 प्रतिशत तक महंगी हो जाती।बिजली की दरें नहीं बढ़ाये जाने को लेकर भी सरकार पर दबाव काफी समय से बढ़ रहा था। बहुत से लोग इसे नहीं बढ़ाने की मांग कर रहे थे। ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा के पास यूपी विद्युत उपभोक्ता परिषद से भी अनुरोध इसे लेकर पहुंचा था। इसमें कोरोना की वजह से लोगों की आमदनी कम होने का हवाला दिया गया था।

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