दिवाली पर मिठाई खरीदने से पहले ऐसे जानें नकली और असली में फर्क…

इस समय त्योहारों का सीजन जोरों शोरों से है। धनतेरस, दिवाली, भाई दूज और छठ पूजा सब त्यौहार आसपास ही है। ऐसे में मिठाई  की दुकानों में सबसे ज्यादा भीड़ और खरीदारी होती है।

इस समय त्योहारों का सीजन जोरों शोरों से है। धनतेरस, दिवाली, भाई दूज और छठ पूजा सब त्यौहार आसपास ही है। ऐसे में मिठाई  की दुकानों में सबसे ज्यादा भीड़ और खरीदारी होती है। कई लोग तो मावा या खोया घर लाकर उससे तरह-तरह के मिष्ठान घर में ही बनाते हैं. लेकिन क्या आपने कभी बाजार से मावा लाकर उसकी क्वालिटी चेक की है। बाजार से खरीदा गया मावा या खोया नकली भी हो सकता है. त्योहारों पर मिलावटी चीजें बाजार में खूब बिकती हैं। अगर आप असली-नकली मावे में फर्क पहचानना चाहते हैं तो खरीदने से पहले 6 तरीकों से क्वालिटी चेक कर लीजिए।

१ . खोए के जरा से टुकड़े को हाथ के अंगूठे पर थोड़ी देर के लिए रगड़ें. अगर इसमें मौजूद घी की महक अगर देर तक अंगूठे पर टिकी रही तो समझ लीजिए मावा एकदम शुद्ध है।

2. हथेली पर मावे की एक गोली बनाएं और उसे देर तक दोनों हथेलियों के बीच घूमाते रहें। अगर ये गोली फटने लगे तो समझ जाइए कि मावा नकली या मिलावटी है।

3. 5 मिली लीटर गर्म पानी में करीब 3 ग्राम खोया डालें. थोड़ी देर ठंडा होने के बाद इसमें आयोडीन सॉलूशन डालें. इसके बाद आप देखेंगे कि नकली खोए का रंग धीरे-धीरे नीला पड़ने लगेगा।

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4. आप चाहें तो मावा खाकर भी असली-नकली की परख कर सकते हैं। अगर मावे में चिपचिपाहट महसूस हो रही है तो समझ लीजिए कि वो खराब हो चुका है. असली मावा खाने पर कच्चे दूध जैसा स्वाद आएगा.

5. पानी में मावा डालकर फेंटने पर अगर वो छोटे-छोटे टुकड़ों में टूटता है तो ये उसके खराब होने की निशानी है. दो दिन से ज्यादा पुराना मावा खरीदने से बचें. इसे खाने से आपकी सेहत खराब हो सकती है।

6. कच्चे मावे की बजाय अगर आप सिंका हुआ मावा खरीदें तो बेहतर होगा। इससे बनी मिठाई का स्वाद भी ज्यादा बेहतर होगा और इसके जल्दी खराब होने की संभावना भी कम होती है।

 

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