भैया दूज: घर की दहलीज पर करें ये उपाय, हमेशा सुखी रहेगा भाई
भाई दूज का त्योहार गोवर्धन पूजा के दूसरे दिन मनाया जाता है, भाईदूज का पर्व कार्तिक मास में शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है।
भाई दूज का त्योहार गोवर्धन पूजा के दूसरे दिन मनाया जाता है, भाईदूज का पर्व कार्तिक मास में शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है। रक्षाबंधन की तरह से त्योहार भी भाई-बहन के लिए बेहद खास होता है। ये दिन भाई बहन के लिए सबसे ज्यादा खास होता, क्योंकि इस दिम बहनें अपने भाइयों को अपने घर भोजन के लिए बुलाती है और उन्हें प्यार से खाना खिलाती है।
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भैया दूज वाले दिन आसन पर चावल के घोल से चौक बनाएं। इस चौक पर भाई को बिठाकर बहनें उनके हाथों की पूजा करती हैं। सबसे पहले बहन अपने भाई के हाथों पर चावलों का घोल लगाती है। उसके ऊपर सिंदूर लगाकर फूल, पान, सुपारी तथा मुद्रा रख कर धीरे-धीरे हाथों पर पानी छोड़ते हुए मंत्र बोलती है-
‘गंगा पूजा यमुना को, यमी पूजे यमराज को। सुभद्रा पूजे कृष्ण को गंगा यमुना नीर बहे मेरे भाई आप बढ़ें फूले फलें।’
इसके उपरांत बहन भाई के मस्तक पर तिलक लगाकर कलावा बांधती है तथा भाई के मुंह मिठाई, मिश्री माखन लगाती हैं। वह उसकी लम्बी उम्र की प्रार्थना करती है। उसके उपरांत यमराज के नाम का चौमुखा दीपक जला कर घर की दहलीज के बाहर रखती है जिससे उसके घर में किसी प्रकार की विघ्न-बाधा न आए और वह सुखमय जीवन व्यतीत करे।
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