रात में सोते वक्त खर्राटों की वजह से हो जाते हैं परेशान तो जान ले इसका सरल उपचार

अगर आप खर्राटों से परेशान हैं तो जल्दी से समाधान कर लीजिए। यह काफी खतरनाक है और कई बीमारियों का घर है। इसलिए रोज ये 5 आसन कीजिए और ये रुटीन बनाइए।

पीजीआई में ईएनटी डिपार्टमेंट के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. संदीप बंसल कहते हैं कि खर्राटे से ज्यादा यह खतरनाक है कि सोते वक्त कितनी बार सांस रुकती है। सांस रुकने के लक्षण के चिकित्सा भाषा में आब्स्ट्रेक्टिव स्लीप अपनिया (ओएसए) कहते हैं।

खर्राटों के पीछे के कारण
– सांस की नली का सिकुड़ जाना या छोटी हो जाना
– फ्लू, साइनस, एलर्जी या नाक बंद होने के कारण मुंह से सांस लेना
– गले में इंफेक्शन या टॉन्सिल सूजन के कारण हवा के मार्ग में रुकावट आना
– ओबेसिटी यानि अत्यधिक मोटापे की स्थिति में सांस की नली में फैट जमा हो जाना
– अधिक मात्रा में शराब की लत के कारण सांस की नली की मांसपेशियों में शिथिलता होना

 क्या है इसका उपचार
खर्राटों से जुड़ी समस्या के लिए स्लीप फिजिशियन से संपर्क करें. बता दें कि, जो लोग इस समस्या से ग्रस्त होते हैं उनकी पॉलीसॉम्नोग्राफी के ज़रिये स्लीप स्टडी की जाती है. इस जांच में सोते समय मस्तिष्क की गतिविधियों के साथ सांस की गति, ऑक्सीजन सैचुरेशन लेवल और बल लगाने वाले श्वसन तंत्र को नोट किया जाता है. ज़रूरी नहीं है कि इसके लिए हॉस्पिटल जाया जाए. आप अपने घर में भी किसी की मदद से ये रिकॉर्ड कर सकते हैं. इसकी मदद से श्वास की नली में रुकावट को हटाया जा सकता है. अगर समस्या ज़्यादा हो तो सर्जरी भी करानी पड़ सकती है.

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