एमपी में उप-चुनावों के नतीजे भाजपा में तय करेंगे सिंधिया का भविष्य, टिकी सभी की निगाहें

बिहार में हुए विधानसभा चुनावों के समेत 11 राज्यों में हुए उप-चुनावों के नतीजे भी 10 नवंबर, मंगलवार को सामने होंगे।

बिहार में हुए विधानसभा चुनावों के समेत 11 राज्यों में हुए उप-चुनावों के नतीजे भी 10 नवंबर, मंगलवार को सामने होंगे। इसी क्रम में मध्य प्रदेश की 28 सीटों पर हुए उप चुनावों के नतीजे काफी अहम होंगे। इनको कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में अग्रिम भविष्य के तौर पर देखा जा रहा है। राजनीतिक जानकारों की मानें तो मध्य प्रदेश में उप चुनावों के नतीजे पार्टी में सिंधिया की अगली पारी और जिम्मेदारी तय करेंगे।

नतीजों पर टिकीं सभी की निगाहें

गौरतलब है कि इसी वर्ष मार्च में ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में शामिल होने के बाद कांग्रेस के 22 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया था। और इनमें से अधिकतर सिंधिया के साथ बीजेपी में शामिल हो गए थे। जिसके बाद कमलनाथ सरकार अल्पमत में आ गई थी और गिर गई थी। उप चुनावों में कांग्रेस छोड़कर दूसरी पार्टी से 26 विधायक मैदान में थे। जिन पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं।

ये है सीटों का गणित

हालांकि उप चुनावों में यदि बीजेपी 09 सीटें जीत लेती है तो वह अपने दम पर सत्ता में बनी रहेगी, उसे किसी की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसके उलट यदि कांग्रेस 25 सीटें जीतती है तो वह एक बार फिर सत्ता में वापसी कर सकती है। बता दें एमपी में कुल 230 विधानसभा सदस्य होते हैं। जिसमें बहुमत के लिए किसी भी पार्टी को 116 सीटों की जरूरत होती है। जिसमें बीजेपी के पास पहले से 107 विधायक हैं, जबकि कांग्रेस के 22 विधायकों ने पहले और एक के हाल ही में इस्तीफा देने के बाद 87 विधायक ही बचें हैं।

तय होगा सिंधिया का भविष्य

बताते चलें चुनाव प्रचार के दौरान सिंधिया ने कांग्रेस छोड़ने के बाद बीजेपी में शामिल प्रत्याशियों के लिए जमकर प्रचार किया था। उन्होंने कमलनाथ को आड़े हाथों लिया। राजनीतिक विशेषज्ञ नतीजे आने के बाद भाजपा में सिंधिया के दावेदारी और भविष्य को लेकर अंदाजा लगा रहे हैं।

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