वास्तु के इन 5 खास नियमों में छिपा हुआ है आपके घर की सुख-शांति का राज

हर कोई अपना अच्छा सा घर बनाकर उसमें हंसी खुशी रहना चाहता है। लेकिन जब हम घर का निर्माण करवाते है तो हमसे कई ऐसी चूक हो जाती है जो वास्तु दोष का कारण बनती है।

हर कोई अपना अच्छा सा घर बनाकर उसमें हंसी खुशी रहना चाहता है। लेकिन जब हम घर का निर्माण करवाते है तो हमसे कई ऐसी चूक हो जाती है जो वास्तु दोष का कारण बनती है। अगर आपके घर में भी वास्तु दोष है तो हम आपकों कुछ ऐसे उपाय बता रहें है जिससे आप बिना ज्यादा खर्च करते हुए वास्तु दोष का निवारण कर सकते है। हम सभी की यहीं चाह रहती है कि घर में परिवार को कोई समस्या उत्पन्न ना हों। लेकिन घर के वास्तु दोष के चलते हमें कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। इन 5 नियमों का अपने घर में जरूर ध्यान रखें…

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घर से जुड़े वास्तु नियमों का ख्याल करते हुए घर का निर्माण करने से पहले भूमि पूजा अवश्य करवानी चाहिए। इसके बाद किस चीज का कहां पर निर्माण हो और किन चीजों से शुभ फल की प्राप्ति हो, उस पर कार्य किया जाना चाहिए।

कभी भी तिराहे या चौराहे पर, वीरान जगह पर मसलन शहर या गांव से बाहर, शोर-शराबे और अवैध गतिविधियों वाली जगह पर घर नहीं बनाना चाहिए। गली या सड़क जहां खत्म होती है, उसके अंतिम प्लॉट पर मकान नहीं बनाना चाहिए।

घर बनवाते समय पुरानी लकड़ी, ईंटों या शीशा आदि का प्रयोग नहीं करना चाहिए। इस तरह के कबाड़ कभी भी अपने घर के किसी कोने में न रखें।

घर का मुख्य द्वार ईशान, उत्तर, वायव्य और पश्चिम दिशा में से किसी एक में रखना शुभ होता है। मुख्य द्वार के सामने सीढ़ियां नहीं होनी चाहिए और यदि संभव हो तो सीढ़ियों के आरंभ और अंत में द्वार बनवाना चाहिए।

घर में बनवाई जाने वाली सीढ़ियों के लिए दक्षिण, पश्चिम या दक्षिण-पश्चिम दिशा शुभ होती है। उत्तर-पूर्व या फिर कहें ईशान कोण में बनी सीढ़ियों का वास्तुदोष आर्थिक नुकसान, बीमारी और तमाम तरह की अड़चनें लाता है। सीढ़ियों को हमेशा क्लॉकवाइज बनवाना चाहिए।

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