ट्रंप से अलग रुख रखने वाले बाइडन शासन में कैसा रहेगा भारत से रिश्ता ? क्या रहेंगी मुश्किलें ? पढ़ें पूरी खबर
रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप को मात देने के बाद डेमोक्रेटिक उम्मीदवार 'जो बाइडन' अमेरिका के नए राष्ट्रपति होंगे।
काफी उथल पुथल के उपरांत अमेरिका में नए राष्ट्रपति का चेहरा सामने आ गया है। रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप को मात देने के बाद डेमोक्रेटिक उम्मीदवार ‘जो बाइडन’ अमेरिका के नए राष्ट्रपति होंगे। बताते चलें 77 वर्षीय बाइडन पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के दोनों कार्यकाल के दौरान उप-राष्ट्रपति रह चुके हैं। उन्हें राजनीति का लंबा अनुभव है।
टिकी हैं सभी की निगाहें
इसी क्रम में। बाइडन के राष्ट्रपति चुने जाने के बाद अब दुनिया भर की निगाहें उनके अलग-अलग देशों के साथ रिश्तों को लेकर टिकी हैं। सबसे बड़ा सवाल यह है कि वह ट्रंप सरकार के द्वारा चलाई जा रही नीतियों को लेकर आगे बढ़ेंगे या बिल्कुल अलग रास्ता अख्तियार करेंगे। इस पर राजनैतिक विश्लेषकों द्वार कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। बता दें बाइडन को विदेश मामलों का अच्छा जानकार माना जाता है।
क्या-क्या हो सकते हैं बदलाव
दुनिया के सबसे ताकतवर देश के राष्ट्रपति बाइडन की भारत के साथ अगली नीतियां किस प्रकार की रहेंगी ? और भारत के साथ अमेरिका के चले आ रहे करीबी रिश्तों में कोई बदलाव आएगा ? इसको लेकर भी विशेषज्ञ अपने अपने आंकलन कर रहे हैं। इसके साथ ही जिस पर सबसे ज्यादा निगाहें टिकी हैं वह ये कि भारत के साथ कारोबार, एच1बी वीजा, अमेरिका में भारतीयों को मिलने वाली नौकरियां, रक्षा भागीदारी सहित पाकिस्तान के मामले में रुख इसके अतिरिक्त ईरान और कश्मीर को लेकर अमेरिका का क्या रुख रहने वाला है।
बन सकता है चिंता का विषय
इन सबके अलावा जो सबसे अहम मुद्दा है, वो भारत और चीन के रिश्तों को लेकर बाइडन का क्या रुख रहेगा? हालांकि ट्रंप शासन में चीन के खिलाफ भारत को साथ मिलता था। लद्दाख में भारत और चीन के बीच बढ़ रहे तनाव पर ट्रंप का भारत को पूरा साथ था। लेकिन बाइडन के राष्ट्रपति बनने के बाद ऐसी आशंका जताई जा रही है कि वह चीन के प्रति नरम रुख अपनाया सकते हैं। जो भारत के लिए चिंता का विषय का बन सकता है।
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