लखनऊ – विकास दुबे कांड में स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम ने सरकार को सौंपी रिपोर्ट की ये सिफारिश
। विकास दुबे मामलें में बड़ी खबर सामने आ रही है। स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है। 3 सदस्यों वाली इस टीम के द्वारा अपनी रिपोर्ट में कानपुर के पूर्व एसएसपी अनंत देव तिवारी के खिलाफ गैंगस्टर विकास दुबे के साथ उनके संबंध की जांच की सिफारिश की है।
लखनऊ। विकास दुबे मामलें में बड़ी खबर सामने आ रही है। स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है। 3 सदस्यों वाली इस टीम के द्वारा अपनी रिपोर्ट में कानपुर के पूर्व एसएसपी अनंत देव तिवारी के खिलाफ गैंगस्टर विकास दुबे के साथ उनके संबंध की जांच की सिफारिश की है। इसकी जांच अपर मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय विशेष जांच दल ने की है।
बिकरु कांड मामला में एसआईटी ने तत्कालीन एसएसपी अनंत देव के खिलाफ की कार्यवाही की सिफारिश की है। तत्कालीन एएसपी देहात प्रदुम्न सिंह और तत्कालीन सीओ एलआईयू के विरुद्ध भी कार्यवाही की सिफारिश की है।
2017 में लखनऊ से एसटीएफ ने किया था विकास दुबे को भाई के नाम दर्ज रायफल के साथ गिरफ्तार किया था। मामले में एसआईटी ने लखनऊ व कानपुर पुलिस की लापरवाही का जिक्र किया है।
पुलिस अधिकारियों और कर्मियों की जांच में भूमिका आई सामने आयी है
साथ ही अधिकारियों की लचर पैरवी से भाई दीपक के नाम दर्ज रायफल कोर्ट से हुई थी रिलीज ।एसआईटी ने तत्कालीन सरोजनीनगर सीओ, sho कृष्णानगर, उपनिरीक्षक सहित कई अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ एसआईटी ने की कार्यवाही की सिफारिश की है। गैंगस्टर विकास दुबे के मददगार बने कई पुलिस अधिकारियों और कर्मियों की जांच में भूमिका आई सामने आयी है।
ये भी पढ़ें – बिहार चुनाव : एग्जिट पोल में तेजस्वी के तेज़ के आगे फिंके पड़ रहे नीतीश
. आपको बता दें कि विकास दुबे मामले में एसआईटी द्वारा सरकार को रिपोर्ट सौंपी है। 3200 पेज की जांच रिपोर्ट में 700 में विकास दुबे और उसके गैंग का काला चिट्ठा शामिल है। एसआईटी ने नौ अहम बिन्दुओ पर जांच की। कानपुर व कानपुर देहात में तैनात रहे 80 अधिकारी व कर्मचारी दोषी पाए गए है । जाँच में 50 पुलिसकर्मी भी दोषी करार दिए गए हैं ।
2 से 3 जुलाई दबिश की रात की सूचना भी विकास को पहले पहुंचाई गई थी
विकास दुबे और उसके गैंग से गठजोड़ का एसआईटी को काला चिट्ठा मिला है। एसआईटी ने खुलासा किया कि पुलिसकर्मी और उसके गैंग को कार्यवाही की सभी जानकारिया लीक करते थे। 2 से 3 जुलाई दबिश की रात की सूचना भी विकास को पहले पहुंचाई गई थी।
जिसके चलते विकास व उसके गुर्गो ने तैयारी कर की ।
शेष पर जल्द कार्रवाई होने की संभावना है
8 पुलिसकर्मियों की हत्या की।असलहों के लाइसेंस जारी करने व राशन की दुकानो के आवंटन से जुड़े अधिकारी जांच के दायरे में आए। पुलिसकर्मियों की भूमिका और विकास दुबे के आर्थिक साम्रज्य को लेकर भी एसआईटी ने जांच की। जांच रिपोर्ट में पुलिस की गंभीर चूक उजागर की गई है। रिपोर्ट पर शासन में मंथन शुरू हो गया है। दोषी पाए गए अधिकारियों व कर्मचारियों में से कुछ पर पहले ही कार्रवाई हो चुकी है। शेष पर जल्द कार्रवाई होने की संभावना है।
ये भी पढ़े – फ़तेहपुर : अधिग्रहित जमीन का मुआवजा न मिलने पर लाठी-डंडा कुल्हाड़ी लेकर पुलिस से भिड़ी ‘महिला किसान’
अपर मुख्य सचिव संजय आर. भूसरेड्डी की अध्यक्षता में गठित इस एसआईटी ने काफी विस्तृत रिपोर्ट तैयार की है, जो लगभग 3200 पृष्ठों की है। एसआईटी को कुल नौ बिन्दुओं पर जांच करके अपनी रिपोर्ट देने को कहा गया था। सूत्रों के अनुसार जिन 75 अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की गई है, उनमें से 60 फीसदी पुलिस विभाग के ही हैं। शेष 40 फीसदी प्रशासन, राजस्व, खाद्य एवं रसद तथा अन्य विभागों के हैं।
-
हमें फेसबुक पेज को अभी लाइक और फॉलों करें @theupkhabardigitalmedia
-
ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @theupkhabar पर क्लिक करें।
-
हमारे यूट्यूब चैनल को अभी सब्सक्राइब करें https://www.youtube.com/c/THEUPKHABAR
देश-विदेश की ताजा ख़बरों के लिए बस करें एक क्लिक और रहें अपडेट
हमारे यू-टयूब चैनल को सब्सक्राइब करें :
हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें :