बिहार चुनाव : एग्जिट पोल में तेजस्वी के तेज़ के आगे फिंके पड़ रहे नीतीश

एग्जिट पोल में आरजेड नेता तेजस्वी यादव के तेज के आगे नीतीश कुमार फिंके पड़ रहे है। उनका सूरज डूबता नज़र आ रहा है।  एग्जिट पोल के मुताबिक इस बार सत्ता तेजस्वी के हाथ जाती नज़र आ रही है।

एग्जिट पोल में तेजस्वी यादव के तेज के आगे नीतीश कुमार फिंके पड़ रहे है। उनका सूरज डूबता नज़र आ रहा है। एग्जिट पोल के मुताबिक इस बार सत्ता तेजस्वी के हाथ जाती नज़र आ रही है। खुद नीतीश कुमार ने ऐलान किया कि 2020 विधानसभा चुनाव उनके राजनीतिक करियर का आखिरी चुनाव है।

तीन कार्यकाल के बाद नीतीश कुमार सत्ता से बाहर होते दिख रहे हैं युवा तेजस्वी यादव बेरोजगार नौजवानों के भरपूर समर्थन के दम पर बिहार चुनाव में स्वीप करते दिख रहे हैं. बेरोजगारी की समस्या के साथ लॉकडाउन में प्रवासी मजदूरों ने जो झेला और नीतीश सरकार ने उस पर जो रुख दिखाया, उसने भी तेजस्वी का सत्ता में आने का रास्ता तैयार किया।

एनडीए को 39 फीसदी वोट मिलने का अनुमान है

एग्जिट पोल के मुताबिक तेजस्वी के नेतृत्व वाले गठबंधन को 243 सदस्यीय विधानसभा में 139 से 161 सीटें मिलती दिख रही हैं. वहीं सत्तारूढ़ एनडीए को महज 69 से 91 सीटों पर ही संतोष करना पड़ सकता है।  वोट शेयर की बात की जाए तो महागठबंधन को 44 फीसदी और एनडीए को 39 फीसदी वोट मिलने का अनुमान है।

अगर पार्टियों के हिसाब से बात की जाए तो आरजेडी 94 से 106 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरती नजर आ रही है. वहीं गठबंधन में उसकी सहयोगी पार्टियों में कांग्रेस को 29 से 35, सीपीआई (एमएल) को 12-16 और सीपीआई और सीपीएम को दो-दो सीटें मिलने का अनुमान है. वहीं एनडीए में जेडीयू को 26 से 34 सीटें मिलने का अनुमान है. एनडीए में बीजेपी को जेडीयू से ज्यादा यानि 38-50 सीटें मिल सकती हैं।

शिक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्था को सही करने के लिए पूरी शिद्दत से काम करेगा

बिहार विधानसभा चुनाव के खत्म होते ही अब पूरे देश की निगाहें 10 नवंबर पर टिकी हैं और बेसब्री से इंतजार कर रही हैं।  खैर परिणाम जो भी आएगा उसे सभी पार्टियां जनता का फैसला मानकर उनका स्वागत करेंगी ऐसी उम्मीद हर कोई कर रहा है।  लेकिन इसी के साथ ही लोगों के जेहन में एक सवाल उभरकर सामने आ गया है कि, बिहार का अगला सीएम कौन होगा और अगले पांच साल तक बिहार की आबोहवा से लेकर बेरोजगारी, शिक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्था को सही करने के लिए पूरी शिद्दत से काम करेगा।

हालांकि पार्टियों ने जिन चेहरों पर चुनाव लड़ा है कुर्सी भी उनको ही मिलेगी. लेकिन कभी-कभी ऐसा भी होता है कि, पार्टियों को दबाव के चलते अपने फैसले पलटने पड़ते हैं. अब यहां पर बात करते हैं बीजेपी की, अगर बीजेपी पूर्ण बहुमत में आती है तो शायद कहीं न कहीं वह अपना सीएम बनाएगी और ऐसे में बीजेपी की तरफ से सुशील मोदी को प्रोजेक्ट किया जा सकता है।  वहीं अगर लालू प्रसाद यादव की पार्टी आरजेडी ने अपना परचम लहराया तो तेजस्वी यादव ही बिहार की सत्ता पर काबिज होंगे।

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