शोध में हुआ खुलासा, 41 प्रतिशत पुरुषों व 33 प्रतिशत स्त्रियों में अक्सर होती हैं डायबिटीज की समस्या

इन दिनों में डायबिटीज एक आम बीमारी है जो किसी आयुवर्ग या सिमा तक सिमित नहीं है ये किसी भी आदमी को हो सकती है लेकिनहाल ही में हुए एक अध्‍ययन में ये बात सामने आई है कि छोटे कद वाले लोगों में टाइप 2 डायबिटीज का खतरा ज्‍यादा रहता है. हर 10 सेमी हाइट बढ़ने पर 41 प्रतिशत पुरुषों  33 प्रतिशत स्त्रियों में टाइप 2 डायबिटीज का खतरा घट जाता है.

ये रिसर्च मेडिकल जरनल डायबेटोलोजिआ में प्रकाशित हो चुकी है. ऐसा इसलिए होता है क्‍योंकि छोटे कद के लोगों में लिवर फैट की मात्रा ज्‍यादा होती है जिसका संबंध ह्रदय रोग, स्‍ट्रोक  डायबिटीज से होता है.

ध्यान देने वाली बात ये है किडायबिटीज के खतरे में कद भी अहम किरदार निभाता है. डायबिटीज के मरीजों में ब्‍लड ग्‍लूकोज या ब्‍लड शुगर बहुत ज्‍यादा होता है जो कि उन्‍हें खाने से मिलता है. में इस बीमारी को के दो उप-प्रकार हैं. टाइप 1 डायबिटीज: इस बीमारी का पता बचपन में ही चल जाता है  इसके लगभग 10 प्रतिशत मुद्दे सामने आते हैं. इसमें शरीर में ब्‍लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने वाला इंसुलिन नामक हार्मोन नहीं बन पाता है.

टाइप 2 डायबिटीज: इसमें शरीर में पर्याप्‍त मात्रा में इंसुलिन नहीं बन पाता है. इसका मतलब है कि ग्‍लूकोज खून में ही रह जाता है. इस तरह की बीमारी का संबंध मोटापे से होता है  अगर इसे कंट्रोल ना किया जाए तो इसकी वजह से अंधापन, किडनी को नुकसान, ह्रदय रोग या स्‍ट्रोक होने कि सम्भावना है.

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