फतेहपुर : सरकारी क्रय केन्द्रों पर मनमानी, किसान बेहाल
उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले में खोले गए सरकारी क्रय केन्द्रों पर किसानों के धान की खरीददारी मनमानी तरीके से हो रही है। किसानों को धान बेंचने के लिये काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले में खोले गए सरकारी क्रय केन्द्रों पर किसानों के धान की खरीददारी मनमानी तरीके से हो रही है। किसानों को धान बेंचने के लिये काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इस लिए मजबूर किसान अब अपनी उपज को औने-पौने दामों में बिचौलियों को बेंच रहा है।
वहीं सरकारी दफ्तरों में बैठे अधिकारी किसानों की समस्या को नजर अंदाज कर सिर्फ धान खरीद के कागजी आँकड़ों में उलझे हुए हैं। ताजा मामला हथगांम क्रय केंद्र का है।
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जहाँ किसानों की धान की खरीददारी ही नही हो रही है। धान की खरीददारी की जो आप तस्वीरें देख रहें है, दरअसल यह तस्वीरें सरकारी क्रय केंद्रों की नही है, बल्कि बिचौलिओं के द्वारा खोले गए प्राइवेट क्रय केंद्रों की है।
धान में नमी होने की भारी कमी का हवाला देकर किसानों को वापस लौटा देता है
फतेहपुर के हथगांम क्रय केंद्र के प्रभारी के मनमानी के चलते इलाके के किसान बेहद परेशान है। किसान अपनी उपजों को बेंचने के लिए पिछले 10 दिनों से दर-बदर की ठोंकरे खा रहा है। क्रय केंद्र प्रभारी कभी पर्ची न होने का बहाना बनाता है, या फिर धान में नमी होने की भारी कमी का हवाला देकर किसानों को वापस लौटा देता है। जिसके बाद लाचार किसान करे तो क्या करे। ऐसे में वह थकहार कर बिचौलियों के हाथो औने-पौने दामो पर धान बेंच देता है।
अब कुल संख्या बढ़कर 71 कर दी गई है
फतेहपुर में शासन से मिले खरीद लक्ष्य को पूरा करने के लिए जिले में क्रय केंद्रों की संख्या भी बढ़ा दी गई। छह संस्थाओं के 35 क्रय केंद्र नए बनाए गए। अब 12 संस्थाएं सरकारी रेट पर किसानों के धान की तौल केे करवा रही है। पहले 36 धान खरीद केंद्र बनाए गए थे। अब कुल संख्या बढ़कर 71 कर दी गई है। इसके बावजूद भी फतेहपुर का किसान अपनी उपज 11 सौ रुपये क्विंटल के दर से बिचौलिओं को बेंचने के लिए क्यों मजबूर है, शायद इन सवालो का जवाब किसी के पास नही है।
राजाराम, रईसउद्दीन, पृथ्वी पाल आदि किसानों ने बताया कि हथगांम में धान की खरीददारी के लिए भले ही सरकारी क्रय केंद्र खोल दिया गया हो, लेकिन वहां धान की खरीददारी नही होती है।
हम लोग पिछले 10 दिनों से दौड़ रहें है, लेकिन कोई सुनने वाला नही है। थकहार कर अब वह अपनी उपज आस-पास खुले बिचौलिओं के प्राइवेट क्रय केंद्रों पर औने-पौने दामों में बेंच रहे है। वहीं मीडिया के सवालों पर क्रय केंद्र प्रभारी महेंद्र सिंह ने बताया कि किन्ही कारणों से अभी तक खरीददारी नही हो रही थी। एक नवम्बर से खरीददारी चालू कर दी गई है।
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