लखनऊ-सहकारिता विभाग में घोटालों की जांच अब तक नहीं हुई शुरू, ये है पूरा मामला
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशों के बावजूद अधिकारी सहकारिता विभाग में घोटालों के आरोपी अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करने से कतरा रहे हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशों के बावजूद अधिकारी सहकारिता विभाग में घोटालों के आरोपी अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करने से कतरा रहे हैं। ताजा मामला सहकारी ग्राम्य विकास बैंक के सेवानिवृत्त प्रबंध निदेशक केपी सिंह से जुड़ा है। इनके खिलाफ शिकायतों पर तत्कालीन आयुक्त के जांच कराने की संस्तुति के 11 महीने बीत जाने के बावजूद अभी तक जांच शुरू नहीं हो पाई है।
पिछले वर्ष सहकारी ग्राम्य विकास बैंक कर्मचारी संयुक्त परिषद सहित कुछ अन्य लोगों ने बैंक के तत्कालीन प्रबंध निदेशक के खिलाफ पद के दुरुपयोग और नियमों की अनदेखी करके करोड़ों रुपये खर्च करने का आरोप लगाया था। इस पर 14 नवंबर 2019 को तत्कालीन आयुक्त व निबंधक सहकारिता एसवीएस रंगाराव ने प्रबंध निदेशक के खिलाफ शिकायतों की जांच कराने की संस्तुति की थी।
आयुक्त ने विभाग में तैनात अधिकारियों को केपी सिंह के समकक्ष बताते हुए शासन में नियुक्त किसी उच्च अधिकारी से जांच कराने का आग्रह किया था। पर, यह जांच अभी तक शुरू नहीं हो पाई। शिकायतकर्ता कर्मचारी संयुक्त परिषद के महामंत्री मो. आसिफ जमाल का आरोप है कि केपी सिंह ने नियमों की अनदेखी कर मनमाने स्थानांतरण करके लाखों रुपये कमाए।
इतना ही नहीं, नियमों की अनदेखी कर करोड़ों रुपये भी खर्च किए। जांच का आदेश हुए एक साल होने को आ गए, लेकिन अब तक जांच नहीं शुरू की गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि विभाग से लेकर शासन स्तर तक बैठे कुछ लोग भ्रष्टाचार के आरोपियों की जांच लटकाते रहते हैं।
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