विधानसभा के उपचुनावों में भाजपा सत्ता के अहंकार में लोकतांत्रिक मर्यादाओं का पालन करना भी नहीं चाहती है- समाजवादी पार्टी

विधानसभा उपचुनावों में मतदान की तिथि जैसे-जैसे नज़दीक आ रही है भाजपा अपनी हार की आशंका के चलते चुनाव में सत्ता का दुरूपयोग और मतदाताओं को भयभीत करने का हथकंडा अपनाने लगी है।

विधानसभा उपचुनावों में मतदान की तिथि जैसे-जैसे नज़दीक आ रही है भाजपा अपनी हार की आशंका के चलते चुनाव में सत्ता का दुरूपयोग और मतदाताओं को भयभीत करने का हथकंडा अपनाने लगी है। कहीं मतदाताओं और समाजवादी पार्टी कार्यकर्ताओं को लाल कार्ड जारी हो रहा है तो कहीं प्रधान और कोटेदारों को पुलिस के द्वारा धमकाया जा रहा है।

337-देवरिया सदर में नियुक्त प्राथमिक अध्यापकों पर बेसिक शिक्षामंत्री द्वारा बेसिक शिक्षा अधिकारियों के साथ मिलकर अनैतिक दबाव बनाये जाने की सूचनाएं हैं। शिक्षकों को भाजपा का समर्थन करने के लिए कहा जा रहा है। जनपद जौनपुर के 367-मल्हनी विधानसभा क्षेत्र में कई ऐसे मतदान केन्द्र हैं जहां पिछले चुनावों में हिंसा और बूथ कैप्चरिंग हुई थी। यहां गरीब एवं कमजोर भाजपा सरकार के मतदाताओं को धमकियां दी जा रही हैं। भाजपा सरकार के तमाम मंत्री विभिन्न क्षेत्रों में डेरा डाले हुए हैं और मतदाताओं को भाजपा के पक्ष में समर्थन के लिए हर तरह से आतंकित किया जा रहा है। इसलिए निर्वाचन आयेाग को इन शिकायतों का संज्ञान लेकर संवेदनशील क्षेत्रों में केंद्रीय सुरक्षा बल तैनात करना चाहिए।

समाजवादी पार्टी की ओर से विधानसभा उपचुनाव में देवरिया से श्री ब्रह्माशंकर त्रिपाठी, मल्हनी से श्री लकी यादव, नौगवां सादात से श्री सैयद जावेद आब्दी, टूण्डला से श्री महाराज सिंह धनगर, घाटमपुर से श्री इन्द्रजीत कोरी, तथा बांगरमऊ से श्री सुरेश कुमार पाल प्रत्याशी हैं तथा बुलन्दशहर से राष्ट्रीय लोक दल का प्रत्याशी है। अपनी स्वच्छ छवि, जनता के बीच लगातार उपस्थिति और जनता के मुद्दों को लेकर संघर्षशील रहने से प्रत्याशियों को जनता का प्रबल समर्थन मिल रहा है।

सभी 7 विधानसभा क्षेत्रों में जहां उपचुनाव होने जा रहे हैं मतदाता सिर्फ समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोक दल की जीत की बातें करते हैं। वे पूर्व मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव और भाजपा सरकार के कामों की तुलना भी करते हैं। भाजपा चुनाव की आदर्श आचार संहिताओं का भी उल्लंघन कर रही है। विधानसभा के उपचुनावों में भाजपा सत्ता के अहंकार में लोकतांत्रिक मर्यादाओं का पालन करना भी नहीं चाहती है। प्रशासन की मशीनरी से क्षेत्रीय मतदाताओं को डराने और आतंकित करने का काम किया जा रहा है। जनता के वोट को जबरन छीनने का प्रयास सफल नहीं होगा। भारत जैसे परिपक्व लोकतंत्र में झूठ, समाज को बांटने तथा सामाजिक न्याय की उपेक्षा करने वालों को जनता पराजय का द्वार दिखाएगी। इन दिनों तो चारों ओर जनता में श्री अखिलेश यादव के नेतृत्व के प्रति ही भरोसा हैं।

Related Articles

Back to top button