2+2 Ministerial Meeting : BECA को मिली मंजूरी, जानें भारत के लिए यह क्यों अहम?

भारत और अमेरिका के बीच तीसरी 2+2 मंत्री स्तरीय बैठक नई दिल्ली के हैदराबाद हाउस में जारी है। अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोंपियो व रक्षा मंत्री मार्क एस्पर अपने भारतीय समकक्षों एस. जयशंकर और राजनाथ सिंह के साथ अहम मुद्दों पर बातचीत

दिल्ली: भारत और अमेरिका के बीच तीसरी 2+2 मंत्री स्तरीय बैठक नई दिल्ली के हैदराबाद हाउस में जारी है। अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोंपियो व रक्षा मंत्री मार्क एस्पर अपने भारतीय समकक्षों एस. जयशंकर और राजनाथ सिंह के साथ अहम मुद्दों पर बातचीत कर रहे हैं। इस दौरान दोनों देशों के बीच बेसिक एक्‍सचेंज ऐंड कोऑपरेशन एग्रीमेंट (BECA) पर सहमति बन गई है। आइए आपको बताते है आखिर BECA है क्या?

क्‍या है BECA?
BECA यानी बेसिक एक्‍सचेंज ऐंड कोऑपरेशन एग्रीमेंट फॉर जियोस्‍पेशियल कोऑपरेशन। यह बेहद खास समझौता है जो अमेरिका अपने करीबी देशों के साथ ही करता है। चूंकि इससे बेहद संवेदनशील और क्‍लासिफाइड जानकारी साझा करने के रास्‍ते खुलते हैं, ऐसे में BECA काफी अहम हो जाता है।

BECA हासिल करने का उद्देश्य
BECA का मकसद नॉटिकल और एयरोनॉटिकल चार्ट्स समेत जियोस्‍पेशियल डेटा की साझेदारी है। एक बार समझौते पर हस्‍ताक्षर हो गए तो भारत को US के सैटेलाइट्स से सटीक डेटा मिलेगा जिसका सैन्‍य इस्‍तेमाल हो सकता है। इसके अलावा मैप्‍स, नॉटिकल और एयरोनॉटिकल चार्ट्स, कॉमर्शियल व अन्‍य अनक्‍लासिफाइड इमेजरी, जियोडेटिक, जियो फिजिकल, जियो मैग्‍नेटिक और ग्रेविटी डेटा भी साझा होगा।

भारत क्या है फायदा
डेटा शेयरिंग दोनों तरफ से होगी लेकिन BECA से भारत को फायदा ज्‍यादा है। उसे मिलिट्री ग्रेड डेटा का एक्‍सेस मिलेगा जिसकी मदद से टारगेट को सटीकता के साथ लोकेट किया जा सकता है। उदाहरण के लिए, मिलिट्री ग्रेड कोऑर्डिनेट्स से मिसाइलों या हवा में लॉन्‍च किए जाने वाले बमों को किसी आतंकी ठिकाने पर टारगेट किया जा सकता है, वह भी एकदम सटीक। कैप्‍टन विक्रम महाजन (रिटा.) कहते हैं, “इस एग्रीमेंट से मिलने वाला डेटा बड़े काम का होगा। लॉन्‍च-रेंज नेविगेशन और मिसाइल टारगेटिंग की एक्‍युरेसी बढ़ जाएगी। अभी के हालात देखते हुए, यह डेटा भारत की पश्चिमी और उत्‍तरी सीमा पर काम आ सकता है।”

Related Articles

Back to top button