6 राउंड की सैन्य वार्ता के बाद भी बाज नहीं आ रहा चीन, अमेरिका ने भारत को लेकर कही यह बड़ी बात

चीन की हरकतों से इस समय केवल भारत नहीं बल्कि समुचा विश्व के परेशान हैं। भारत ने हमेशा यह रुख कायम रखा है कि उत्तर से लेकर पूर्वोत्तर तक में सीमा विवाद सुलझाने और सेना को पीछे करने की जिम्मेदारी फिलहाल चीन की है।

दिल्ली: चीन की हरकतों से इस समय केवल भारत नहीं बल्कि समुचा विश्व के परेशान हैं। भारत ने हमेशा यह रुख कायम रखा है कि उत्तर से लेकर पूर्वोत्तर तक में सीमा विवाद सुलझाने और सेना को पीछे करने की जिम्मेदारी फिलहाल चीन की है। 6 राउंड की सैन्य वार्ता के बाद दोनों पक्षों ने कई फैसलों की घोषणा भी की है। इसके तहत तय हुआ है कि फ्रंटलाइन पर और सैनिक नहीं भेजे जाएंगे। साथ ही, किसी भी तरह से यथास्थिति में एकपक्षीय बदलाव नहीं किया जाएगा।

इधर, चीन के खिलाफ अमेरिकी  प्रशासन के अधिकारी ने कहा कि हिमालय से दक्षिण चीन सागर तक इंडो-पैसिफिक में चीन के बढ़ते आक्रामक व्यवहार को देखते हुए, यह पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है कि हम भारत जैसे समान विचार वाले देशों के साथ काम करें। पहले से ही चीन की चुनौती से निपटने के लिए ‘क्वाड’ देशों के बारे में चर्चा तेज थी लेकिन उन्होंने कहा कि क्वाड शिखर सम्मेलन के बारे में, तत्काल में कोई योजना नहीं है, लेकिन भविष्य में कुछ भी हो सकता है।

गौरतलब है कि अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पॉम्पिओ और रक्षा मंत्री मार्क एस्पर अगले हफ्ते  तीसरी भारत-अमेरिका 2+2 वार्ता के लिए नई दिल्ली आने वाले हैं। चीन की बढ़त को पाटने के लिए भारत अमेरिका के साथ एक ऐसा सैन्य समझौता करने जा रहा है, जिसके तहत उसे यूएस के सैटेलाइट डेटा का एक्सेस मिल जाएगा। सैटलाइट डेटा की मदद से मिसाइलें और ड्रोन और सटीक हमले कर सकेंगे। ये एक माह में दूसरी बार है जब वे एशिया आ रहे हैं। इस दौरान वे इंडोनेशिया मालदीव और श्रीलंका भी जाएंगे।

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