बेटियों के लिए तो भाजपा की सरकार ‘काल‘ बन गयी है- अखिलेश यादव

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा प्रदेश की सुख-शांति को जंगलराज की आग में जलाना चाहती है। बेटियों के लिए तो भाजपा की सरकार ‘काल‘ बन गयी है। सड़क पर चलना तो दूर अपने घरों, कार्यालयों और सार्वजनिक स्थानों पर भी वे सुरक्षित नहीं है।

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा प्रदेश की सुख-शांति को जंगलराज की आग में जलाना चाहती है। बेटियों के लिए तो भाजपा की सरकार ‘काल‘ बन गयी है। सड़क पर चलना तो दूर अपने घरों, कार्यालयों और सार्वजनिक स्थानों पर भी वे सुरक्षित नहीं है। मुख्यमंत्री जी ‘मिशन शक्ति‘ का नया राग अलापने लगे हैं। पिंक बूथ बना रहे हैं। इन टोटकों से महिलाओं को कोई राहत नहीं मिलने वाली है। इससे पहले उनका रोमियो स्क्वाड फ्लाप साबित हो चुका है। सत्ता से विदाई की बेला में इन हथकण्डों का परिणाम शून्य ही होगा। जब सत्ता का संरक्षण रहेगा तो इस तरह के कागजी ड्रामें से क्या हासिल होगा?

मुख्यमंत्री जी का दावा है कि उनके रहते अपराधी या तो जेल भेज दिए गए हैं या फिर राम नाम सत्य की राह पर चले जाएंगे। उनके ठोको संदेश के बाद यह उनका दूसरा अमानवीय, अलोकतांत्रिक और विधि के विपरीत निर्देश है। उनके ‘रामराज‘ का ऐसा चमत्कार है कि दो आईपीएस फरार हैं, लम्बे समय से ढूंढे नहीं मिल रहे हैं। अपराधी बेखौफ मुख्यमंत्री जी की ठोको नीति को अपनाए हुए हैं, अपहरण, लूट, हत्या की घटनाओं को अंजाम देने में कोई संकोच नहीं हैं। जब पुलिस और अपराधी मिलजुल कर काम करेंगे तो जनता की सुरक्षा का क्या होगा?

भाजपा राज में अपराधी तत्वों के हौंसले कितने बढ़े हुए हैं इससे जाहिर है कि शामली में चुनौती देकर 10 दिन में दूसरा बिजलीघर लूट लिया गया। बरेली में नफरत की सियासत तले सत्ताधीशों द्वारा थाने में घुसकर तोड़फोड़ और अराजकता की गई। खुद मुख्यमंत्री जी के गृह जनपद गोरखपुर में घर में घुसकर सोफा कारीगर की हत्या कर दी गई।

जौनपुर से लेकर मेरठ तक अपराधियों ने दुष्कर्म की कई घटनाओं को अंजाम दिया। महोबा के पनवाड़ी क्षेत्र में एक 19 वर्षीया नवयुवती, जो एक आरती कार्यक्रम से लौट रही थी, गैंगरेप का शिकार बनी। इटावा में 5वर्ष की बेटी के सामने मां से दुष्कर्म जसवंतनगर क्षेत्र में किया गया। प्रदेश के हर जनपद में कानून व्यवस्था गांव, कस्बे, मोहल्ले और गली में तार-तार दिखाई देती है।

उत्तर प्रदेश की जनता में सरकार के कामकाज के प्रति कितना उबाल है इससे स्पष्ट है कि जनपदों में न्याय न मिलने, दबंगों की दबंगई पर रोक न लगने की वजह से लोग लखनऊ में विधान भवन के सामने आत्मदाह करने को मजबूर हो रहे हैं। असफल सरकार की असफल नीतियों के चलते कानून व्यवस्था पर शासन-प्रशासन का नियंत्रण नहीं है। सरकार खुद अपराधियों की ढाल बन रही है। जब भाजपा के विधायक थाने से आरोपित को जबरन छुड़ा लेंगे और भाजपा का झंडा लगी गाड़ी में दुष्कर्म किया जाएगा तो फिर जनसामान्य के परिवारीजनों की सुरक्षा कौन-कैसे करेगा?

सच तो यह है कि मुख्यमंत्री जी के पास प्रदेश को विकास और सुरक्षा के रास्ते पर ले जाने का कोई रोडमैप ही नहीं है। वे तो अव्यवस्था और अराजकता के ही संवाहक है। प्रदेश की जनता भाजपा राज से ऊब चुकी है। अब उसे सिर्फ 2022 के आम चुनावों का इंतजार है।

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