पटना साहिब से कांग्रेस ने एक बेटी के अपहरणकर्ता को बनाया उम्मीदवार, मचा घमासान

बिहार की पटना साहिब विधानसभा के कांग्रेस उम्मीदवार की चर्चा जोरों पर हैं....

बिहार चुनाव। राज्य में विधानसभा चुनावों का रणक्षेत्र सजा हुआ है। सभी पार्टियां वोट पाने के लिए जनता की अदालत में खुद को बेहतर साबित करने में जुटी हुई हैं। जिसके लिए वह दूसरे उम्मीदवारों की कमियां ढूंढकर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं। इसी क्रम में बिहार की पटना साहिब विधानसभा के कांग्रेस उम्मीदवार की चर्चा जोरों पर हैं। कारण है कि इस सीट से कांग्रेस ने जिस उम्मीदवार को मैदान में उतारा है, वह एक लड़की की अपहरणकर्ताओं के आरोपियों में मुख्य आरोपी है।

 

क्या था मामला

बिहार के पटना साहिब विधानसभा की सड़कों पर 32 वर्षों बाद भागलपुर का पापरी बोस अपहरण कांड की गूंज, गूंज रही है। कारण है इस सीट से कांग्रेस उम्मीदवार प्रवीण सिंह। दरअसल मामला यह है कि 17 दिसंबर 1988 में भागलपुर में बड़ी पोस्ट आफिस के सामने रहने वाले चिकित्सक की बिटिया पापरी बोस राय को अगवा कर लिया गया था। जिसका आरोप तत्कालीन कांग्रेस छात्र संगठन एनएसयूआई भागलपुर के जिलाध्यक्ष प्रवीण सिंह पर लगा। 18 दिसंबर 1988 को इशीपुर बाराहाट में कांग्रेसी नेता ओंकार राम के घर से बिटिया को बरामद कर लिया गया। लेकिन कांग्रेस की सरकार रहते प्रवीण सिंह कानून की पकड़ से दूर रहा। लंबी जद्दोजहद और जन दबाव के बाद पुलिस ने प्रवीण को गिरफ्तार किया और करीब डेढ़ माह तक वह जेल में रहा।

बीजेपी की महिला मोर्चा अध्यक्ष ने कहा

कांग्रेस के इस उम्मीदवार पर बीजेपी महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय रहाटकर ने प्रेस कांफ्रेंस कर प्रवीण को उम्मीदवार बनाए जाने पर इसे महिलाओं का अपमान बताया। उन्होंने कहा कि महागठबंधन ने पटना साहिब से ऐसे उम्मीदवार को उतारा है, जिसने भागलपुर में लड़की को जबरन अगवा कर लिया था। इसके अलावा इन पर कई अन्य मुकदमें भागलपुर कोर्ट में चल रहे हैं। इनके ऐसे कारनामें हैं, जिससे प्रत्येक भारतीय नारी का सर शर्म से झुक जाता है।

क्या राबड़ी अपहरणकर्ता का करेंगी चुनाव प्रचार

उन्होंने आगे बोलते हुए कहा कि दिन-दोपहर घर से जबरन एक बिटिया को अगवा किए जाने से पूरा भागलपुर उबल पड़ा था। घटना को लेकर जबरजस्त आंदोलन हुए। सुन्दरवती महिला कॉलेज की छात्रा पापरी को न्याय दिलाने के लिए महिलाएं और छात्राएं सड़कों पर उतरी थीं। जनवरी 1989 में तीन दिनों तक भागलपुर में काला दिवस मनाया गया था। अपराध की संस्कृति के खिलाफ भागलपुर में ऐसा आंदोलन पहले और बाद में नही देखा गया-सुना गया था। उन्होंने कहा कि राजद सुप्रीमो लालू यादव की पत्नी और सात बेटियों की मां राबड़ी देवी बताएं कि क्या वह ऐसे प्रत्यासी के पक्ष में चुनाव प्रचार करने पटना साहिब आएंगी ?

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