कौशांबी- नाला नही बंद होने से कुम्भ में भी पड़ेगा असर
जीवनदायनी गंगा को साफ़ और निर्मल बनाने के लिए केंद्र की मोदी सरकार करोड़ो रूपये पानी की तरह बहाती हैं। लेकिन गंगा से जुड़ीं परियोजनाओं में लापरवाही और अनदेखी से गंगा दूषित होती जा रही हैं। साथ ही उसका पानी भी घट रहा हैं। नमामि गंगे योजना को कौशांबी के अधिकारी पलीता लगा रहे है।
जीवनदायनी गंगा को साफ़ और निर्मल बनाने के लिए केंद्र की मोदी सरकार करोड़ो रूपये पानी की तरह बहाती हैं। लेकिन गंगा से जुड़ीं परियोजनाओं में लापरवाही और अनदेखी से गंगा दूषित होती जा रही हैं। साथ ही उसका पानी भी घट रहा हैं। नमामि गंगे योजना को कौशांबी के अधिकारी पलीता लगा रहे है। जिम्मेदारों की जानकारी में गंगा नदी में कोई नाले बह रहे हैं। इससे पानी प्रदूषित हो रहा है। इतना ही नही कौशांबी का प्रमुख कड़ा का कुबरी घाट पर गंदगी का अंबार लगा हुआ हैं। इसके चलते स्नान को आने वाले श्रद्धालुओं को काफ़ी दिक्कतें होती हैं। लेकिन अधिकारी हैं कि वो सिर्फ़ कागज़ों में ही गंगा को अविरल और निर्मल दिखा रहे हैं।
51 शक्तिपीठों में से एक माँ शीतला मंदिर सिराथू तहसील के कड़ाधाम में स्थित हैं। माँ शीतल के दर्शन करने दूर दराज से लाखो की संख्या में श्रद्धालु नवरात्रि में आते हैं। श्रद्धालु दर्शन के पहले कड़ा धाम स्थित गंगा नदी में स्नान करते हैं। वही घाट के किनारे दो नाला गंगा नदी में गिराए जा रहेे हैं। जिसके कारण गंगा नदी प्रदूषित हो रही हैं। गंगा नदी केेेे प्रदूषित होने के कारण यहां आनेे वाले श्रद्धालु अब यहा स्नान करने से कतरानेेे लगे हैं। इतना ही नहीं कड़ा धाम स्थित गंगा घाट के किनारे काफी गंदगी भी फैली रहती है। जिसके कारण यहां स्थानीय लोगों में काफी आक्रोश देखने को मिल रहा है लोगों को कहना है कि प्रशासन से कागजों पर गंगा को अविरल और स्वच्छ बनाने की कवायद पर जुटा हुआ है, जबकि वास्तव में गंगा नदी और उसके आसपास कोई भी सफाई नहीं की जा रही है।
कड़ाधाम में नवरात्रि और असाड़ में भव्य मेला लगता हैं। जिसमे दूर दराज से दर्शनार्थी कड़ा धाम स्थित मां शीतला के मंदिर दर्शन करने आते हैं। नवरात्रि में जहां 9 दिन का मेला लगता है। वही आषाढ़ के महीने में 15 दिन का भव्य मेला चलता है। इस भव्य मेले में दूर-दूर से श्रद्धालु दर्शन और गंगा स्नान करने आते हैं, लेकिन गंगा नदी के किनारे फैली गंदगी से निकलती बदबू के चलते गंगा में स्नान करने वालो को काफ़ी दिक्कत होती हैं। गंगा नदी के किनारे भारी मात्रा में गंदगी फैली हुई है।
कौशांबी जिले में स्थित कड़ा धाम में नाला गिराया जा रहा है वह स्थान प्रयागराज में होने वाले कुंभ से 50 किलोमीटर दूर स्थित है। इस नाले के पानी से गंगा नदी प्रदूषित हो रही है। जिससे आने वाले समय पर लोगों को कुंभ स्नान के समय गंगा का स्वच्छ पानी उपलब्ध नहीं हो सकेगा। वही कुंभ में सरकार के गंगा का स्वच्छ बनाने का सपना भी केवल सपना रह जाएगा।
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