उत्तरप्रदेश के डीएलएड-2018 बैच यानी बीटीसी छात्रों को बड़ी राहत मिल ही गई..

माननीय न्यायालय की नेक नज़र उत्तरप्रदेश के भावी शिक्षकों पर उत्तरप्रदेश के डीएलएड-2018 बैच यानी बीटीसी छात्रों को बड़ी राहत मिल ही गई। जी बिलकुल नहीं ये राहत सरकार की तरफ से नहीं बल्कि लखनऊ में इलाहाबाद उच्च न्यायालय की तरफ से। दरअसल लखनऊ हाईकोर्ट ने डी.एल.एड/बीटीसी 2018 बैच की चतुर्थ सेमेस्टर की परीक्षा एक सप्ताह बढ़ा दी।

माननीय न्यायालय की नेक नज़र उत्तरप्रदेश के भावी शिक्षकों पर

उत्तरप्रदेश के डीएलएड-2018 बैच यानी बीटीसी छात्रों को बड़ी राहत मिल ही गई।

जी बिलकुल नहीं ये राहत सरकार की तरफ से नहीं बल्कि लखनऊ में इलाहाबाद उच्च न्यायालय की तरफ से। दरअसल लखनऊ हाईकोर्ट ने डी.एल.एड/बीटीसी 2018 बैच की चतुर्थ सेमेस्टर की परीक्षा एक सप्ताह बढ़ा दी।

माननीय उच्च न्यायालय ने कहा पहले तृतीय सेमेस्टर व बैक पेपर का रिज़ल्ट घोषित किया जाये फिर, उसके बाद उत्तीर्ण सभी अभ्यर्थीयों की परिक्षा एक साथ लें।

माननीय न्यायालय का यह आदेश दरअसल डीएलएड-2018 बैच के छात्रों द्वारा दायर याचिका पर आया है। जिसकी सोमवार को सुनवाई थी।

मालूम होकि लवकुश व अन्य याचिकाकर्ताओं की पिटीशन पर अधिवक्ता अमित कुमार सिंह भदौरिया द्वार बीटीसी छात्रों की यह लड़ाई छात्रों ने जीती है।

लखनऊ हाईकोर्ट ने डी.एल.एड/बीटीसी 2018 बैच की चतुर्थ सेमेस्टर की परीक्षा एक सप्ताह बढ़ा दी। माननीय उच्च न्यायालय ने कहा पहले तृतीय सेमेस्टर व बैक पेपर का रिज़ल्ट घोषित किया जाये फिर, उसके बाद सभी अभ्यर्थीयों की परिक्षा एक साथ लें।
इसके साथ ही कोर्ट ने सरकार को चौथे सेमेस्टर की आगामी परीक्षा स्थगित करने पर विचार करने का निर्देश दिया ताकि जिन छात्रों को बैक पेपर देना है वे भाग ले सकें।

विवाद की बुनियाद

मालूम हो की लवकुश व् अन्य याचिकाकर्ताओं ने 05.07.2018 को बीटीसी पाठ्यक्रम में प्रवेश लिया। लेकिन याचिकाकर्ता में से कुछ छात्र प्रथम और द्वितीय सेमेस्टर की परीक्षा एक विषय में पास नहीं कर सके। इस हालत में उनके पास अगले सेमेस्टर में जाने के लिए बैक पेपर का सहारा था , जिसके के लिए वह पात्र थे। परिणामस्वरूप उन्हें आगे के सेमेस्टर में अध्ययन करने की अनुमति दी गई।

ज्ञात हो कि पहले थर्ड सेमेस्टर परीक्षा मार्च 2020 में आयोजित करने का प्रस्ताव था।
लेकिन कोविड 19 के कारण परीक्षा निर्धारित समय पर आयोजित नहीं की गई। परीक्षा प्राधिकरण ने शेष परीक्षा आयोजित करने के लिए एक अधिसूचना जारी की, जिसके शेड्यूल के अनुसार, फर्स्ट सेमेस्टर की परीक्षा 30 अक्टूबर 2020 से लेकर 1 नवम्बर 2020 तक आयोजित की जानी है। जबकि द्वितीय सेमेस्टर के लिए बैक पेपर परीक्षा 5 नवम्बर से 07 नवम्बर तक आयोजित की जानी है। हालांकि चौथे सेमेस्टर की परीक्षा 9 नवम्बर से 11 नवम्बर तक निर्धारित की गयी है। जो केवल उन उम्मीदवारों के लिए है जिन्हें शासनादेश दिनांक 16.09.2020 के मद्देनजर पदोन्नत करने की अनुमति दी गई है। कुछ छात्रों ने बिना छात्रों को पिछले सेमेस्टर के बैक पेपर क्लियर किये चौथें सेमेस्टर की परीक्षा आयोजित करने की कार्रवाई को चुनौती दे दी।

इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश से BTC के 62542 अभ्यर्थियों को मिलेगा लाभ

लखनऊ की इलाहाबाद उच्च न्यायालय बेंच ने दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद तथ्यों को ध्यान में रखते हुए छात्रों को राहत दे दी। जिसके तहत माननीय उच्च न्यायालय ने उत्तरदाताओं को 09.11.2020 से 11.11.2020 से होने वाली चौथे सेमेस्टर परीक्षा को स्थगित करने पर विचार करने का निर्देश दे दिया।

कोर्ट ने कहा कि चौथे सेमेस्टर की परीक्षा उत्तरदाताओं द्वारा एक सप्ताह के लिए स्थगित करने पर विचार करना चाहिए, ताकि याचिकाकर्ताओं की तरह सभी छात्र चौथे सेमेस्टर परीक्षा में नियमित छात्रों के साथ उपस्थित होने के लिए अपनी बैक पेपर परीक्षा को क्लियर कर सकें। यही नहीं माननीय इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रतिवादियों को तीन सप्ताह की अवधि के भीतर जवाब दायर करने का निर्देश भी दिया है। साथ ही उत्तरदाता एक सप्ताह के लिए चौथे सेमेस्टर परीक्षा को स्थगित करने पर भी विचार करेंगे। ताकि भावी शिक्षक का कीमती समय बर्बाद न हो। इस प्रकार यह आदेश बीटीसी के 62542 छात्रों के लिए बड़ी राहत है।

 

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