सुल्तानपुर : शिक्षा विभाग के सबसे बड़े घोटालेबाज कागजी प्रबंधक सन्तोष कुमार सिंह को बचाने के लिए सुल्तानपुर पुलिस अधीक्षक ने भेजी शासन को झूठी रिपोर्ट

खबर सुल्तानपुर से है जहाँ आज शुक्रवार को शिक्षा विभाग के सबसे बड़े घोटालेबाज कागजी प्रबंधक सन्तोष कुमार सिंह को बचाने के लिए सुल्तानपुर पुलिस अधीक्षक ने भेजी शासन को झूठी रिपोर्ट इस भ्रष्टाचारी,जालसाज कागजी विद्यालय के प्रबंधक पर जिले की पुलिस इस कदर मेहरबान बनी हुई है। 

खबर सुल्तानपुर से है जहाँ आज शुक्रवार को शिक्षा विभाग के सबसे बड़े घोटालेबाज कागजी प्रबंधक सन्तोष कुमार सिंह को बचाने के लिए सुल्तानपुर पुलिस अधीक्षक ने भेजी शासन को झूठी रिपोर्ट इस भ्रष्टाचारी,जालसाज कागजी विद्यालय के प्रबंधक पर जिले की पुलिस इस कदर मेहरबान बनी हुई है। 

उसको बचाने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही है यहां तक कि शासन को भी गुमराह करते हुये गलत रिपोर्ट प्रेषित कर दी गई जबकि भ्रष्टाचारी संतोष कुमार सिंह पर पूर्व में दो और मुकदमे दर्ज हैं।

उन मुकदमों को दबाकर सुल्तानपुर पुलिस ने इस भ्रष्टाचारी को बचाने के लिए झूठी रिपोर्ट शासन को भेज दी है जबकि न्यायालय से जमानत याचिका खारिज हो जाने के बाद भी जिले की पुलिस जानबूझकर उसको संरक्षण दे रही है।

जिससे जिले की पुलिस पर उँगली उठने लगी है जबकि न्यायालय से अग्रिम जमानत याचिका खारिज हो जाने के बाद भी जिले की पुलिस जानबूझकर इस जालसाज प्रबंधक को और मौका दे रही है जिससे जिले की पुलिस पर उंगली उठने लगी है और पुलिस का इकबाल ध्वस्त हो गया है !

मिलीभगत से कागजी विद्यालय चलाता रहा

बताते चले की सुल्तानपुर जिले के लंभुआ विधानसभा से विधायक देवमणि द्विवेदी का संरक्षण प्राप्त है उसी विधानसभा के रहनें वाले निवासी संतोष कुमार सिंह नाम के व्यक्ति पर जिसने अपने तरह की अनोखी जालसाजी करते हुए समाज कल्याण विभाग की मिलीभगत से कागजों पर तीन-तीन विद्यालय की मान्यता लेकर विद्यालयों में कमरों के निर्माण के लिए विधायक निधि, सांसद निधि,एमएलसी निधि अल्पसंख्यक विभाग से वजीफे की करोड़ों की रकम को गबन, हड़प करता रहा और कागजों पर विध्यालय खड़ा कर सालों साल से इस कागजी विद्यालय को चलाते रहा और तो और मृत महिला को कागज पर प्रधानाध्यापक नियुक्त कर शिक्षा विभाग के लोगों की मिलीभगत से कागजी विद्यालय चलाता रहा।

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बताते चले की उसी गांव के शत्रुघन सिंह के द्वारा जिलाधिकारी को दिए गए शिकायती पत्र पर जब जांच कराई गई तो जिस गाटा संख्या में विद्यालय होना था वहां घास फूस के अलावा कुछ नहीं था इसके पूर्व की जांच रिपोर्ट को तत्कालिन जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी वा अल्पसंख्यक अधिकारी द्वारा जांच में दबा दिया गया पुन: शत्रुघ्न के द्वारा जब इस फ्रॉड की शिकायत पूर्व जिला अधिकारी सी इंदुमती से की गई तो जिलाधिकारी ने 5 सदस्यीय कमेटी बनाकर मामले की जांच कराई तो उन्हें मालूम चला की यह तो बहुत बड़ा शिक्षा विभाग का घोटाला है।

संतोष कुमार सिंह के खिलाफ कोतवाली नगर में मुकदमा दर्ज

इसी बीच हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में भी एक जनहित याचिका के माध्यम से इस फर्जीवाड़े के खुलासे वा इसमें संलिप्त लोगों के खिलाफ जांच कर कानूनी कार्रवाई की रिट याचिका प्रस्तुत की गई तथा उच्च न्यायालय के द्वारा इस मामले की जांच कर वैधानिक कार्यवाही करने का निर्देश भी दिया गया पूर्व जिलाधिकारी सी इन्दुमति के आदेश पर बेसिक शिक्षा अधिकारी संतोष कुमार सक्सेना द्वारा संतोष कुमार सिंह के खिलाफ कोतवाली नगर में मुकदमा दर्ज करने की तहरीर दी गई।

जिस तहरीर पर कोतवाली नगर में मुकदमा अपराध संख्या 716/ 2020 अंतर्गत धारा 406, 420, 467, 468, 471 जैसी गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ जिसमें गिरफ्तारी से बचने के लिए संतोष कुमार सिंह ने अग्रिम जमानत के लिए न्यायालय गया जहां अपराध की गंभीरता को देखते हुए उसकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी गई उसके बाद भी सुल्तानपुर की पुलिस के रहमों करम पर अभी तक जालसाज संतोष कुमार सिंह पुलिस से बचा हुआ है।

बताते चले की शासन को जिला पुलिस अधीक्षक ने पूरी तरह से गुमराह किया है 12 सितंबर 2020 को श्री विनय कुमार अनु सचिव गृह पुलिस अनुभाग द्वारा उत्तर प्रदेश शासन लखनऊ सुल्तानपुर पुलिस से यह जानकारी मांगी गई कि संतोष कुमार सिंह के ऊपर इसके पहले कितने मुकदमे दर्ज हैं वर्तमान मुकदमें की क्या प्रगति है।

सुल्तानपुर पुलिस ने अपने जवाब में संतोष कुमार सिंह के ऊपर पूर्व में कोई मुकदमा न दर्ज होने की रिपोर्ट शासन को प्रेषित कर दी साथ ही साथ यह भी सुल्तानपुर की पुलिस ने कहा कि राजनैतिक प्रेशर है इस कारण से संतोष कुमार सिंह को गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है जबकि संतोष कुमार सिंह के ऊपर वर्ष 2017 व 2018 में चांदा थाने में मुकदमा दर्ज हैं।

सुल्तानपुर पुलिस मूक दर्शक  बनी हुई है जो की पूरी तरह से  निंदनीय है

जिसमें मुकदमा अपराध संख्या 170/ 2017 धारा 147, 148, 323, 504, 506 दर्ज है तथा दूसरा मुकदमा अपराध संख्या 060/ 2018 अंतर्गत धारा 323, 504, 447 दर्ज है और तीसरा मुकदमा जिसमें विवेचना प्रचलित है सुल्तानपुर पुलिस ने उपरोक्त दोनों मुकदमों को छुपाकर शासन से झूठ बोलकर शासन को गुमराह करते हुये गलत रिपोर्ट प्रेषित कर दी जिससे यह प्रतीत होता है कि जिले की सुल्तानपुर पुलिस व पुलिस अधीक्षक शिव हरी मीणा के द्वारा जानबूझकर उस जालसाज संतोष कुमार सिंह को बचाया जा रहा है जबकी इस सब के बाद भी सन्तोष कुमार सिंह शोसल मिडिया पर हमारे वा हमारे सहयोगी भूपेंद्र सिंह के बारे में आपत्तिजनक पोस्ट डालकर बदनाम कर रहा है और देख लेने की धमकी दिया करता है जिसको पुलिस अधीक्षक को अवगत करा दिया गया है इसके बाद भी सुल्तानपुर पुलिस मूक दर्शक  बनी हुई है जो की पूरी तरह से  निंदनीय है।

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