लखनऊ : इन्वेस्टर्स समिट से आ रही घोटाले की गंध, क्या खुद को बेदाग बताने वाली सरकार में लग गए दाग?
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि फरवरी 2018 में लखनऊ में हुई इन्वेस्टर्स समिट यानी निवेशक सम्मेलन के बाद सूबे में निजी तथा सार्वजनिक क्षेत्र में कुल 2.75 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश हुआ है.
UP CM Yogi Adityanath: Post the Investors Summit, as far as pvt investment is concerned, investment of more than Rs 1.50 Lakh Crore is being done in UP. As far as public investment is concerned, we have been successful in bringing in more than 1.25 Lakh Crore of investment. pic.twitter.com/jt3tt0npqt
— ANI UP (@ANINewsUP) July 28, 2019
योगी ने 65 हजार करोड़ रुपये से बनने वाली 250 से ज्यादा परियोजनाओं के शिलान्यास के लिये आयोजित ‘ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी—2’ में कहा कि इन्वेस्टर्स समिट के बाद अगर हम निजी निवेश की बात करते हैं तो लगभग डेढ़ लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश उत्तर प्रदेश में अब तक सम्पन्न हो रहा है. सार्वजनिक निवेश की भी बात करें तो यह भी लगभग एक लाख 25 हजार करोड़ रुपये से अधिक का निवेश हम उत्तर प्रदेश में करने में सफल हुए हैं.
इन्वेस्टर्स समिट घोटाले की गंध
दरअसल इतने बड़े निवेश के बाद उत्तर प्रदेश में क्या बदला, पूरे प्रदेश की जनता क्या कहेगी पता नहीं लेकिन यह जानने के लिए द यूपी खबर ने इंसाइड स्टोरी के लिए पड़ताल की। जहां चौकाने वाले साक्ष्य मिले। दरअसल इन्वेस्टर समिट में हुए घोटाले के साक्ष्य द यूपी खबर के हाथिं लग गए।
मालूम हो कि इन्वेस्टर समिट के दरम्यान होटल और ट्रेवल की व्यवस्था उद्यमियों के लिए की गई थी। बस यहीं से पड़ताल के दौरान द यूपी खबर को घोटाले की गंध आती महसूस हूई। कमाल यह है कि किसी को इस बात का एहसास भी नही था जिस समिट से उम्मीद थी कि वह उत्तर प्रदेश के हौसलों और विकास को नया आयाम मिलेगा उसके पीछे ऐसी पार्दर्शी कालिख भी लगेगी। पार्दर्शी इस लिए कि जनता फिलहाल देख नहीं पा रही है।
क्या खुद को बेदाग बताने वाली सरकार में लग गए दाग?
2017 में सरकार बनने से आजतक योगी सरकार बेदाग होने का दम्भ भरती रही। इसी खुशफहमी में फुला नहीं समाने के बावजूद उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश का सपना दिखाने वाली सरकार के मातहत ये गज़ब का कारनामा कर दिया गया। और किसी को कानों-कान खबर भी न लगी। दरअसल इन्वेस्टर समिट के दरम्यान होटल और ट्रेवल की व्यवस्था से उपजे घोटाले के साक्ष्य द यूपी खबर के पास मौजूद हैं। जिसे 5 अक्टूबर को शासन की तरफ से विभाग को भेजा गया था जिसके तहत होटल बुकिंग और ट्रैवेल की जानकारी मांगी गई थी।
संस्कृति विभाग के बड़े अफसर को मामले की जानकारी नहीं:-
लेकिन 11 दिन बीत जाने के बाद भी कोई आख्या प्रस्तुत नहीं हो पाया है। संस्कृति विभाग के एक बड़े अफसर को इस मामले की जानकारी भी नहीं है। अब इस बात से अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि योगी सरकार की अगर महत्वाकांक्षी योजना में अधिकारी पलीता लगा रहे हैं तो जनता की कितनी सुनते होंगे?
क्या कहा सपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव राय ने:-
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