नई दिल्ली : योगी आदित्यनाथ को इस देश की जनता को बताना चाहिए कि एनवाईपीडी और हाथरस मामले में क्या संबंध है?-संजय सिंह

आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि आदित्यनाथ सरकार का हाथ बलात्कारियों के साथ है।

नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि आदित्यनाथ सरकार का हाथ बलात्कारियों के साथ है। योगी सरकार ने हाथरस मामले के बलात्कारियों को बचाने के लिए सुप्रीम कोर्ट के सीजेआई की अदालत में झूठा हलफनामा दाखिल किया है।

आदित्यनाथ जिस वेबसाइट का जिक्र कर रहे हैं, यह वही वेबसाइट है, जो लाॅकडाउन के दौरान अमेरिका के अश्वेत लोगों के आंदोलन के लिए बनाई गई थी। उन्होंने कहा कि योगी सरकार अपने शपथ पत्र में वेबसाइट के पन्नों को लगाते हुए जिक्र किया है कि न्यूयार्क पुलिस विभाग (एनवाईपीडी) अंतरराष्ट्रीय साजिश के तहत आपकी रैली की फिल्म व वीडियो बनाएगी।

जिम्मेदार लोगों पर रिपोर्ट दर्ज कर सख्त कार्रवाई की जाए

इससे आप सचेत और सुरक्षित रहिए। यूपी में अवधी, भोजपुरी, हिंदी और ब्रज भाषा बोली जाती है, जबकि वह वेबसाइट अंग्रेजी में बनाई गई है। योगी आदित्यनाथ को इस देश की जनता को बताना चाहिए कि एनवाईपीडी और हाथरस मामले में क्या संबंध है? संजय सिंह ने सुप्रीम कोर्ट और भारत के मुख्य न्यायाधीश से अनुरोध किया है कि इस झूठे शपथपत्र का संज्ञान लेकर यूपी सरकार और सरकार के जिम्मेदार लोगों पर रिपोर्ट दर्ज कर सख्त कार्रवाई की जाए।

आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि हिंदुस्तान में पहली बार ऐसा हुआ होगा कि बलात्कारियों को बचाने के लिए किसी सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के न्यायालय में झूठा शपथ पत्र दिया हो। हाथरस के मामले में बलात्कारियों को बचाने के लिए ऐसा हुआ है।

जातीय हिंसा कराने के लिए अंतरराष्ट्रीय साजिश रच रहे हैं

योगी आदित्यनाथ की सरकार ने किस तरह से झूठा शपथ पत्र सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की अदालत में दिया है। उन्होंने कहा कि आपको याद होगा कि योगी आदित्यनाथ ने बयान दिया था कि कुछ लोग दंगे और जातीय हिंसा कराने के लिए अंतरराष्ट्रीय साजिश रच रहे हैं। उसमें खासतौर पर विपक्ष और पत्रकारों के नाम लिए गए थे।

सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि दंगे और जातीय हिंसा कराने की साजिश है। उसमें अज्ञात 19 लोगों के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा भी दर्ज करा दिया गया। जिस अंतरराष्ट्रीय साजिश और वेबसाइट का सीएम योगी आदित्यनाथ जिक्र कर रहे थे, वो कोरोना वायरस लॉकडाउन के दौरान अमेरिका में अश्वेत लोगों के आंदोलन के लिए बनाई गई थी।

मीडिया के लोगों को भी कैसे समझ में आएगा?

योगी आदित्यनाथ की सरकार बता सकती है कि अश्वेत लोगों के आंदोलन के लिए बनाई गई वेबसाइट का हाथरस के कांड से क्या लेना देना या फिर वहां के आंदोलन से क्या लेना देना है। हम लोगों को तो समझ में नहीं आ रहा और पता नहीं मीडिया के लोगों को भी कैसे समझ में आएगा?

सांसद संजय सिंह ने कहा कि उस वेबसाइट के पन्ने इन्होंने सिर्फ बयानबाजी, फर्जीवाड़े और भक्तों के जरिए सोशल मीडिया में दुष्प्रचार के लिए ही इस्तेमाल नहीं किए, बल्कि सुप्रीम कोर्ट में दिए गए शपथ पत्र में बाकयदा इन पन्नों को लगाया गया है। मुख्य न्यायाधीश की अदालत में वेबसाइट के पन्नों को लगाया गया है। उनमें लिखा हुआ कि न्यूयॉर्क पुलिस डिपार्टमेंट आप की रैली और आप के आंदोलन की फिल्म-वीडियो बनाएगा। इससे आप सचेत रहिए और सुरक्षित रहिए।

उन्होंने कहा कि योगी आदित्यनाथ इस देश को बताएं कि हाथरस में कौन सा न्यूयॉर्क पुलिस डिपार्टमेंट काम करता है। देश के लोग आपसे पूछ रहे हैं कि हाथरस के बलात्कारियों बचाने के लिए यह फर्जीवाड़ा आपने क्यों किया? न्यूयॉर्क पुलिस डिपार्टमेंट हाथरस में जाकर प्रदर्शन-रैली का वीडियो बनाएगा और उससे सुरक्षित रहने के लिए, सचेत रहने का जिक्र वेबसाइट में किया गया है। दूसरा इसमें लिखा हुआ है कि, अगर आप अश्वेत लोगों को दौड़ते हुए देखें तो उनके साथ दौडिए। संजय सिंह ने कहा कि यह मूर्खता और बेवकूफी की पराकाष्ठा है। इन लोगों के पास झूठ, फर्जीवाड़ा करने की अक्ल भी नहीं है। ये वेबसाइट के पन्ने इन्होंने सुप्रीम कोर्ट में लगा रखे हैं। वेबसाइट के पन्नों में लिखा हुआ है कि बर्फ और बर्फीली पहाड़ियों में जो चश्मे लगाते हैं, उन चश्मों को लगाकर अपने आप को बचाइए। यह सब कुछ अंग्रेजी में लिखा हुआ है।

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उन्होंने कहा कि हम लोग उत्तर प्रदेश से आते हैं। आप हमारे क्षेत्र में जाएंगे, तो वहां अवधी बोली जाती है। उससे आगे पूर्वांचल में भोजपुरी बोली जाती है। उत्तर प्रदेश के पश्चिम क्षेत्र में थोड़ा अलग तरह से हिंदी बोली जाती है। हाथरस, मथुरा और उसके आसपास के क्षेत्र में ब्रज की भाषा बोली जाती है। लेकिन वहां पर अंग्रेजी की वेबसाइट बन गई है और इससे दंगे भड़काने कोशिश की जा रही है। उसमें कहा जा रहा है कि दंगे ऐसे-ऐसे भड़काये जा रहे हैं और थोड़ा सावधान रहिएगा। न्यूयॉर्क पुलिस डिपार्टमेंट आपकी वीडियो बना सकता है। उन्होंने कहा कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय से और देश के मुख्य न्यायाधीश से निवदेन है कि वे इसका संज्ञान लें और फर्जीवाड़ा करने के लिए योगी आदित्यनाथ और उनकी सरकार के जो जिम्मेदार लोग हैं, उनके खिलाफ मुकदमे दर्ज करके सख्त से सख्त कार्यवाही होनी चाहिए।

संजय सिंह ने कहा कि हाईकोर्ट ने भी योगी आदित्यनाथ सरकार को लताड़ लगाई है। हाईकोर्ट ने कहा कि रात को 2 बजे अगर किसी अमीर की बेटी होती, तो क्या तुम इसी तरह से जला देते? हाईकोर्ट ने एडीजी (कानून व्यवस्था) से कहा कि क्या आपको रेप की परिभाषा तक नहीं मालूम है? इसका मतलब साफ है कि योगी आदित्यनाथ सरकार का हाथ बलात्कारियों के साथ है। उन दुराचारियों और बलात्कारियों को बचाने के लिए योगी आदित्यनाथ जितना हथकंडा-तंत्र इस्तेमाल कर सकते हैं, वो किया है।

आदित्यनाथ के गृह जनपद गोरखपुर में एक लड़की को चार लोगों ने मारा

उन्होंने कहा कि पिछले दिनों चित्रकूट में एक दलित बेटी के साथ गैंग रेप हुआ। उसकी एफआईआर दर्ज नहीं हुई। उसने आत्महत्या कर ली। प्रतापगढ़ में 6 महीने तक एक बच्ची को तंग किया गया और उसके साथ लगातार छेड़खानी की गई। उसको न्याय नहीं मिला, तो उसने आत्महत्या कर ली। योगी आदित्यनाथ के गृह जनपद गोरखपुर में एक लड़की को चार लोगों ने मारा।

अपमानित-लज्जित होकर उसने आत्महत्या कर ली। उत्तर प्रदेश में बेटियां न्याय न मिल पाने के कारण आत्महत्या कर रही हैं। उनको योगी आदित्यनाथ सरकार से न्याय की उम्मीद नहीं है। अपनी अपमानजनक जिंदगी जीने की बजाय वे मौत को गले लगाना ज्यादा उचित समझ रही हैं। बाराबंकी में आज दलित की बेटी की हत्या हो गई। परिवार उसमें भी रेप की आशंका जता रहा है। योगी आदित्यनाथ ने आज अपना सारा गुनाह छुपाने के लिए यह तरीका अपनाया है।

कल एक राष्ट्रीय अखबार में 22 पन्ने का विज्ञापन दिया गया। 22 पन्ने के विज्ञापन कभी आपने सुना नहीं होगा। 22 पन्ने का विज्ञापन एक अखबार में, 6-7 पन्ने का विज्ञापन दूसरे अखबार में, 5 पन्ने के विज्ञापन अन्य अखबार में दिए जा रहे हैं। फ्रंट पेज से लेकर कई पेज तक बड़े-बड़े विज्ञापन अखबारों-टीवी वालों को सिर्फ और सिर्फ इसलिए दिए जा रहे हैं ताकि अपने गुनाहों को छुपा सकें। उसके खिलाफ कोई खबर ना दिखाई जाए। आदित्यनाथ के गुनाहों पर पर्दा डालने का इन्होंने एक तरीका अपनाया है कि विज्ञापन दो और टीवी चैनल-अखबारों का मुंह बंद करा दो।

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